476 दलों को कारण बताओ नोटिस
चुनाव आयोग ने सोमवार को एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि दूसरे चरण में 476 RUPP की पहचान की गई है। निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए, आयोग ने संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों (CEO) को इन दलों को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। इन दलों को सुनवाई के दौरान अपनी बात रखने का अवसर दिया जाएगा। CEO की सिफारिशों के आधार पर आयोग अंतिम फैसला लेगा।
सबसे ज्यादा दल उत्तर प्रदेश से
दूसरे चरण में जिन 476 दलों की छंटनी की जा रही है, उनमें सबसे अधिक 121 दल उत्तर प्रदेश से हैं। इसके बाद महाराष्ट्र (44), तमिलनाडु (42), और दिल्ली (41) के दल शामिल हैं। आयोग का कहना है कि यह कार्रवाई नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने और चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए जरूरी है।
नियमों का उल्लंघन बना कारण
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29A के तहत राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय, और गैर-मान्यता प्राप्त दलों का पंजीकरण किया जाता है। पंजीकृत दलों को चुनाव चिह्न और कर छूट जैसे लाभ मिलते हैं। हालांकि, नियमों के अनुसार, यदि कोई दल छह साल तक चुनाव नहीं लड़ता या नियमित रूप से विवरण प्रस्तुत नहीं करता, तो उसका पंजीकरण रद्द किया जा सकता है। आयोग ने पाया कि कई RUPP इन शर्तों का पालन नहीं कर रहे हैं।
लोकतंत्र में पारदर्शिता जरूरी
चुनाव आयोग का यह कदम निष्क्रिय और गैर-अनुपालक दलों को हटाकर राजनीतिक प्रणाली को और मजबूत करने की दिशा में है। आयोग का कहना है कि यह प्रक्रिया न केवल चुनावी व्यवस्था को पारदर्शी बनाएगी, बल्कि जनता का लोकतंत्र में भरोसा भी बढ़ाएगी।
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