100 साल पुरानी श्री हरिहर रामलीला समिति के अध्यक्ष बने शंकर सिंह

जबलपुर, 05 अगस्त 2025। जबलपुर की सांस्कृतिक धरोहर को संजोए हुए, 100 वर्षों से अधिक पुरानी श्री हरिहर रामलीला समिति ने अपनी वार्षिक बैठक का आयोजन पंचायती कुआं सामुदायिक भवन, गोकलपुर में किया। यह बैठक महंत विष्णु दयाल पांडे की अध्यक्षता में संपन्न हुई, जिसमें समिति के सदस्यों ने सर्वसम्मति से नई कार्यकारिणी का गठन किया। इस आयोजन ने न केवल समिति की सांस्कृतिक प्रतिबद्धता को दर्शाया, बल्कि इसके भविष्य के लिए एक नया दृष्टिकोण भी प्रस्तुत किया।


नवगठित कार्यकारिणी में शंकर सिंह क्षत्रिय को अध्यक्ष, शरद यादव पंडा और नयंत सोनी को उपाध्यक्ष, एड. रमा शंकर यादव को सचिव, छन्नू लाल दहिया को सह-सचिव, मनोज पटेल को कोषाध्यक्ष, घनश्याम यादव (घंसू) को संगठन मंत्री और संदीप सोनी (टोनी) को प्रचार मंत्री नियुक्त किया गया। इसके अतिरिक्त, संरक्षक समिति में आलोक मिश्रा (पूर्व पार्षद), राजेश यादव (पूर्व पार्षद), गोपाल प्रसाद यादव, जयचंद यादव, चरण लाल यादव, सुरेश गुप्ता, राजेश सेठी, लालू दहिया और यशपाल जी को शामिल किया गया। यह नई कार्यकारिणी समिति की गतिविधियों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए कटिबद्ध है।

श्री हरिहर रामलीला समिति का इतिहास जबलपुर की सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों में गहराई से जुड़ा हुआ है। यह समिति पिछले एक सदी से अधिक समय से रामलीला के आयोजन, धार्मिक अनुष्ठानों और सामुदायिक सेवा के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य कर रही है। समिति का उद्देश्य न केवल धार्मिक मूल्यों को बढ़ावा देना है, बल्कि युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति और परंपराओं से जोड़ना भी है। इस बैठक में उपस्थित सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि समिति की गतिविधियों को और अधिक व्यापक और समावेशी बनाया जाएगा, ताकि समाज के हर वर्ग को इससे जोड़ा जा सके।

नई कार्यकारिणी के गठन के साथ, समिति ने अपने भविष्य के लक्ष्यों को स्पष्ट किया है। अध्यक्ष शंकर सिंह क्षत्रिय ने कहा, “हमारा लक्ष्य रामलीला के आयोजन को और भव्य बनाना है, साथ ही सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से समाज में एकता और भाईचारे को बढ़ावा देना है।” प्रचार मंत्री संदीप सोनी (टोनी) ने बताया कि समिति डिजिटल मंचों का उपयोग करके अपनी गतिविधियों को अधिक लोगों तक पहुंचाने की योजना बना रही है। इसके अलावा, युवाओं को समिति की गतिविधियों में शामिल करने के लिए विशेष कार्यशालाओं और कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा।

संरक्षक समिति के सदस्यों ने भी इस अवसर पर अपने विचार साझा किए। पूर्व पार्षद आलोक मिश्रा ने कहा, “श्री हरिहर रामलीला समिति न केवल धार्मिक आयोजनों तक सीमित है, बल्कि यह सामुदायिक विकास और सामाजिक उत्थान का भी प्रतीक है।” बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने इस बात पर सहमति जताई कि नई कार्यकारिणी के नेतृत्व में समिति अपनी परंपराओं को और मजबूत करेगी।

यह आयोजन न केवल समिति के लिए, बल्कि पूरे जबलपुर शहर के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। श्री हरिहर रामलीला समिति अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों के माध्यम से समाज को एकजुट करने और भारतीय परंपराओं को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

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✍️ संपादक: दयाल चंद यादव (MCJ)
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