आश्वासन के भरोसे किसानों ने किया धरना ख़त्म, नौकरी नहीं मिली तो फिर करेंगे आंदोलन

रेलवे द्वारा भूमि अधिग्रहण का मामला, तम्बू उखाड़ने से कड़ी धूप में आंदोलन करने के बाद कई किसान बीमार  


जबलपुर। रेलवे अधिग्रहण से प्रभावित किसानों ने तम्बू उखाड़ने के बाद भी कड़ी धूप में आंदोलन चार दिनों तक चलाया। आंदोलन के आखिरी दिन किसानों ने अपना ज्ञापन रेलवे जोन के अधिकारियों को सौंपा। ज्ञापन में कहा कि हमारी समस्याओं का निराकरण 7 दिन में नहीं किया गया तो 15 दिन बाद दिल्ली में रेल मंत्रालय के समक्ष आंदोलन करेंगे और रेलवे को अपनी जमीन पर काम करने नहीं देंगे। आंदोलन में ललितपुर -सिंगरौली रेल लाइन, सतना-रीवा रेल लाइन बिरहुली-सकरिया-सतना-पन्ना रेल लाइन, देवेंद्र नगर, नागौद,पन्ना, छतरपुर, रीवा, सीधी के किसान शामिल रहे। 

  • कुछ किसानों का मेडिकल भी हो गया है लेकिन कुछ किसानों का बाकी
सतना-रीवा रेल लाइन के फिर बिरहुली-सकरिया के किसानों के 88 दिन आंदोलन के बाद पुनः नियुक्ति की सूचना रेल मंडल जबलपुर द्वारा निकाली गई थी। सतना सांसद के समक्ष रेल मंडल जबलपुर के अधिकारियों द्वारा किसानों को जूस पिलाकर आंदोलन समाप्त किया गया। उस समय रेलवे के  अधिकारियों ने कहा था कि 6 माह के अंदर नियुक्ति कर ली जाएगी किंतु अभी तक एसडीएम से भौतिक सत्यापन ही कराया गया है। बिरहुली-सकरिया के एक भी किसान की नियुक्ति नहीं की गई। पन्ना देवेंद्र नगर नागौद के कुछ किसानों का मेडिकल हो गया है और कुछ किसानों का एसआर  भी 10 माह पहले भरवा दिया गया है। इसके बाद भी अभी तक किसी की नियुक्ति नहीं हुई। 

  • कड़ी धूप में आंदोलन करने से कुछ पीड़ित किसान बीमार
आंदोलन के दौरान कुछ पीड़ित किसानों के बीमार पड़ने की भी खबर है। जीएम ऑफिस रेलवे जबलपुर के समक्ष चिलचिलाती धूप में चार दिवसीय प्रदर्शन में आखिरी दिन तबीयत बिगड़ जाने से  दीपू सिंह को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। इसके अलावा प्रवीण पांडे, दीपू सिंह, अमित कुशवाहा, अखंड प्रसाद सिंह, अभिषेक प्रसाद, प्रताप सिंह आदि किसानों की भी तबीयत खराब हो गई है। जिसके कारण उन्हें इलाज करना पड़ा। 

Post a Comment

Previous Post Next Post