जबलपुर। मकर संक्रांति का त्योहार पूरे देश में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। जबलपुर और आसपास के क्षेत्रों में पतंगबाजी की विशेष परंपरा है, लेकिन रेलवे प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे रेलवे ट्रैक और उसके आसपास पतंगबाजी करने से बचें।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक डॉ. मधुर वर्मा ने जानकारी दी कि रेलवे पटरियों के ऊपर लगी बिजली की तारों में 25,000 वोल्ट का करंट प्रवाहित होता है। यदि पतंग की डोर इन तारों से टकराती है तो घातक करंट पतंग उड़ाने वाले व्यक्ति तक पहुंच सकता है, जो जानलेवा साबित हो सकता है। खासतौर पर धातुयुक्त मांझा या गीली डोर के संपर्क में आने से दुर्घटना का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
रेलवे प्रशासन ने बताया कि रेलवे ट्रैक के पास पतंग उड़ाने से न केवल जानमाल का खतरा है, बल्कि तेज रफ्तार से गुजरने वाली ट्रेनों के कारण भी गंभीर दुर्घटनाएं हो सकती हैं।
रेलवे अधिनियम के तहत दंड का प्रावधान
रेलवे ट्रैक को अनाधिकृत रूप से पार करना या रेलवे परिसर में प्रवेश करना रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 147 के तहत दंडनीय अपराध है। ऐसा करने पर ₹1,000 का जुर्माना, छह माह तक का कारावास, या दोनों हो सकते हैं।
जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है
मंडल रेल प्रबंधक कमल कुमार तलरेजा के मार्गदर्शन में मकर संक्रांति के अवसर पर रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और संरक्षा विभाग द्वारा विशेष जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के माध्यम से रेलवे कर्मचारी लोगों को यह समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि रेलवे ट्रैक के पास पतंग उड़ाना बेहद खतरनाक हो सकता है।
इसके अलावा, मीडिया चैनलों और सोशल मीडिया के जरिए भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है ताकि किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
अभिभावकों से विशेष अपील
रेलवे प्रशासन ने अभिभावकों से खास अपील की है कि वे अपने बच्चों को रेलवे ट्रैक से दूर रखें और उन्हें इस खतरे के बारे में समझाएं।
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