बरगी नगर/जबलपुर। गांव की बुनियादी जरूरतों में शामिल सड़कों की हालत सुधारने के सरकारी दावों की पोल उस समय खुल गई जब चार माह पूर्व खोदी गई सड़क ग्रामीणों के लिए नासूर बन गई। सड़क निर्माण की आस लगाए ग्रामीण अब तक केवल धूल-मिट्टी और गड्ढों से ही जूझ रहे हैं। आधी-अधूरी खुदाई के बाद काम बंद पड़ा है, जिससे गांवों में दुर्घटनाओं और बीमारियों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।
पांच महीने से लटकी है सड़क की किस्मत
ग्राम पंचायत हरदुली से घंसौर की ओर जाने वाली सड़क का निर्माण कार्य पांच माह पहले लोक निर्माण विभाग द्वारा शुरू कराया गया था। शुरुआत में ही ठेकेदार ने पूरी सड़क को एक तरफ से खोद दिया और सारा मलबा सड़क किनारे ही डाल दिया। न मलबा हटाया गया, न ही निर्माण कार्य आगे बढ़ा। आज तक साइट पर न तो निर्माण सामग्री पहुंची है और न ही मजदूरों की हलचल दिखाई दी।
धूल और गड्ढों में तब्दील सड़क
तुनिया ग्राम की पूर्व सरपंच गुलाब बाई पटेल, रोहिणी पटेल और संजय विश्वकर्मा का कहना है कि सड़क बनने की उम्मीद लगाए ग्रामीणों को धूल, मिट्टी और गड्ढों का गिफ्ट मिल गया। सड़क किनारे रहने वाले लोग धूल के गुबार में जीने को मजबूर हैं। वाहनों की आवाजाही से उड़ती धूल न केवल घरों में घुस रही है बल्कि खाने-पीने की चीजों और बर्तनों तक पर जम रही है। यही नहीं, इस धूल ने लोगों की सेहत बिगाड़ दी है। सर्दी, खांसी, एलर्जी और सांस की बीमारियां आम हो गई हैं।
दुर्घटनाओं का अड्डा बनी सड़क
स्थानीय निवासी बलराम भूमिया, राजकुमार आर्मो और नन्हेंलाल पटेल ने बताया कि अधूरी खुदी इस सड़क पर रोज हादसे हो रहे हैं। एनटीपीसी पावर प्लांट बरेला-घंसौर के लिए तेज रफ्तार में दौड़ते ट्रक और भारी वाहन सड़क से उछलते पत्थर और गिट्टी राहगीरों पर बरसा रहे हैं। टूटी-फूटी सड़क पर दोपहिया वाहन चालक संतुलन खोकर गिर रहे हैं। सड़क बचाने के चक्कर में सिंगल रोड पर आए दिन लोग घायल हो रहे हैं।
ठेकेदार की दबंगई, सांसद का नाम लेकर दिखाता धौंस
ग्रामीणों ने ठेकेदार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि ठेकेदार राजनीतिक रसूख का सहारा लेकर खुद को सांसद का करीबी बताता है और ग्रामीणों की शिकायतों को नजरअंदाज करता है। ग्रामीणों की नाराजगी की परवाह किए बिना मनमानी पर उतारू ठेकेदार पर अब अंकुश लगाना जरूरी हो गया है।
एक हफ्ते में निर्माण शुरू न हुआ तो होगा आंदोलन
गांव की महिलाएं और युवा अब आंदोलन के मूड में हैं। शंभू बाई, ललिता बाई, लक्ष्मी तिवारी, गुलाब बाई पटेल, कमल पटेल, अर्चना भोमिया, सूरज धुर्वे, फागु पटेल, नन्हेंलाल पटेल, संजय विश्वकर्मा, रोहिणी पटेल समेत दर्जनों ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर एक सप्ताह के भीतर काम शुरू नहीं हुआ तो सड़क पर जाम लगाकर उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।
अधिकारियों की सफाई
इस पूरे मामले पर जब पीडब्ल्यूडी के उपयंत्री और साइट इंचार्ज आनंद जायसवाल से बात की गई तो उन्होंने कहा, “ठेकेदार को तीन किलोमीटर सड़क खोदने के निर्देश थे, लेकिन उसने पांच किलोमीटर तक खुदाई कर दी। मैं कुछ समय से स्टेशन से बाहर था। अब साइट का दौरा किया है, दो-तीन दिन में काम शुरू करवा देंगे।”
ग्रामीणों की नाराजगी और अधिकारियों के दावों के बीच देखना यह होगा कि यह सड़क कब तक अपने असली रूप में लौटती है, या फिर ग्रामीणों का गुस्सा सड़कों पर फूटता है।
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