महिला रेलकर्मियों का सम्मान: 'नारी हमारी संस्कृति की शान' : रेलवे बोर्ड चेयरमैन


अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भारतीय रेल की 33 महिला कर्मचारियों को किया गया सम्मानित

पश्चिम मध्य रेलवे की वेल्डर श्रीमती कल्पना चौरे को मिला विशेष सम्मान

जबलपुर | अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर रेलवे महिला कल्याण केंद्रीय संगठन (RWWCO) द्वारा नेशनल रेल म्यूज़ियम ऑडिटोरियम, नई दिल्ली में भव्य सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एवं सीईओ श्री सतीश कुमार ने भारतीय रेल के 33 उत्कृष्ट महिला कर्मचारियों को सम्मानित किया, जिनमें पश्चिम मध्य रेलवे की वेल्डर श्रीमती कल्पना चौरे भी शामिल रहीं।

‘नारी शक्ति’ को किया नमन

मुख्य अतिथि श्री सतीश कुमार ने कहा कि "नारी न केवल पुरुषों के बराबर कार्य कर रही हैं, बल्कि वे अपने समर्पण और मेहनत से देश के विकास में अभूतपूर्व योगदान दे रही हैं।" उन्होंने भारतीय रेल में महिलाओं की भूमिका को सराहते हुए कहा कि महिलाओं की भागीदारी केवल कार्यक्षेत्र तक सीमित नहीं, बल्कि वे रेलवे की शक्ति और सफलता की आधारशिला भी हैं।

इस दौरान उन्होंने एक भावनात्मक कविता का पाठ किया:

"नारी मान है, सम्मान है,
नारी हमारी संस्कृति की शान है।
नारी शक्ति है, भक्ति है,
नारी जीवन ज्योति की अभिव्यक्ति है।"

महिला सशक्तिकरण की दिशा में रेलवे के प्रयास

इस अवसर पर रेलवे महिला कल्याण केंद्रीय संगठन की अध्यक्ष डॉ. रूबी रानी सिंह ने भारतीय रेल में महिला कर्मचारियों के सशक्तिकरण, कार्यस्थल पर सुरक्षा और लैंगिक समानता को लेकर किए जा रहे विभिन्न प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि रेलवे महिलाओं के लिए कार्यस्थल को अधिक अनुकूल और सुरक्षित बनाने हेतु निरंतर कार्य कर रहा है।

संगठन की सचिव श्रीमती अमृता शर्मा, कोषाध्यक्ष श्रीमती निर्देश सिंह, संयुक्त सचिव श्रीमती अंजलि वर्मा सहित कई गणमान्य लोग इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

महिला रेलकर्मियों की उपलब्धियों को मिली पहचान

सम्मानित की गई महिला रेलकर्मियों में से प्रत्येक ने भारतीय रेल में अपने कार्यक्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पश्चिम मध्य रेलवे की वेल्डर श्रीमती कल्पना चौरे को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया गया। यह सम्मान महिला कर्मचारियों के परिश्रम, समर्पण और उनकी असाधारण उपलब्धियों को मान्यता देने का प्रतीक है।

इस आयोजन ने यह सिद्ध किया कि भारतीय रेल महिलाओं के योगदान को न केवल स्वीकार कर रहा है, बल्कि उन्हें आगे बढ़ाने और प्रेरित करने के लिए निरंतर प्रयासरत भी है।

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