ओंकारेश्वर में भव्य ज्योतिर्लिंग मंदिर निर्माण की घोषणा, धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
भोपाल | मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को ओंकारेश्वर के ब्रह्मपुरी घाट पर आयोजित "अमृतस्य माँ नर्मदा पद परिक्रमा" कार्यक्रम में शामिल होकर माँ नर्मदा की पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर उन्होंने ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग महादेव के दर्शन कर जलाभिषेक किया और प्रदेश की समृद्धि व कल्याण की कामना की।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि माँ नर्मदा केवल एक नदी नहीं, बल्कि यह सनातन संस्कृति का जीवंत प्रतीक और आध्यात्मिक आस्था का केंद्र है। सरकार माँ नर्मदा के संपूर्ण परिक्रमा पथ को उसकी पवित्रता एवं मूल स्वरूप में स्थापित करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। इसके लिए व्यापक स्तर पर कार्य किए जाएंगे, जिससे नर्मदा परिक्रमा यात्रियों को समुचित सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।
नर्मदा तटों पर होगा धार्मिक आयोजनों के लिए घाटों का निर्माण
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्रदेश में जहाँ-जहाँ नर्मदा के तट हैं, वहाँ धार्मिक आयोजनों के लिए घाटों का निर्माण किया जाएगा। साथ ही, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए संकेतक (साइन बोर्ड) लगाए जाएंगे, जिससे परिक्रमा यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
उन्होंने यह भी कहा कि ओंकारेश्वर में भव्य ज्योतिर्लिंग मंदिर का निर्माण किया जाएगा, जिससे यह क्षेत्र धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बन सके। इस पहल से न केवल आध्यात्मिक उन्नति होगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।
तीर्थ स्थलों पर बंद होंगी शराब की दुकानें
मुख्यमंत्री ने यह महत्वपूर्ण घोषणा भी की कि मार्च माह के बाद चयनित तीर्थ स्थलों पर शराब की दुकानें पूरी तरह बंद कर दी जाएंगी। यह निर्णय धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने और आध्यात्मिक वातावरण को संरक्षित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
जल संरक्षण और स्वच्छता पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जल के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि "धरती पर नदियाँ उसी प्रकार जीवनदायिनी हैं, जैसे शरीर में रक्त प्रवाह।" इसलिए, उनका संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सरकार स्वच्छता के माध्यम से विकास के कार्यों को एक नई दिशा देने के लिए प्रयासरत है।
कृषि में जैविक पद्धति को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने कहा कि रासायनिक खेती से फसल का उत्पादन तो होता है, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक भी साबित होती है। इसलिए, प्रदेश में प्राकृतिक और जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। साथ ही, जैविक खेती करने वाले किसानों को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि दूध उत्पादन बढ़ाने और पशुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए गौ-पालन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इससे न केवल दूध उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।
जनजातीय त्योहारों को शासकीय स्तर पर मनाने की घोषणा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जनजातीय संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित एवं सशक्त करने के लिए सरकार उनके पारंपरिक त्योहारों को शासकीय स्तर पर मनाने का निर्णय ले रही है। इससे समाज में सांस्कृतिक समरसता को बढ़ावा मिलेगा और जनजातीय समाज की परंपराओं को सम्मान मिलेगा।
ओंकारेश्वर में भव्य स्वागत, संत-महात्माओं का सान्निध्य
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पैदल पुल से ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन किए और ओंकारेश्वर महादेव से प्रदेश की समृद्धि व उन्नति की प्रार्थना की। इस अवसर पर ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग ट्रस्ट के ट्रस्टी श्री राव देवेंद्र सिंह चौहान सहित अन्य ट्रस्टियों ने मुख्यमंत्री को ज्योतिर्लिंग की प्रतिकृति स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट की।
मुख्यमंत्री ने कन्याओं एवं बटुकों को फल की टोकरी भेंट की और उनके साथ बैठकर भोजन भी किया। यह आयोजन धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को दर्शाने के साथ-साथ सामाजिक समरसता का भी प्रतीक बना।
उपस्थित गणमान्यजन
इस पावन अवसर पर श्रद्धेय गुरुदेव विवेक जी, श्री जोड़ गणपति हनुमान मंदिर ओंकारेश्वर के महंत मंगलदास जी त्यागी, महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत कैलाश भारती, मार्कण्डेय संन्यास आश्रम के महंत प्रणवानंद जी सरस्वती एवं निजानंद धाम खाचरोद के पूज्य ब्रह्मचारी जी महाराज सहित कई संत-महात्माओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
इसके अतिरिक्त, खण्डवा विधायक श्रीमती कंचन तनवे, पंधाना विधायक श्रीमती छाया मोरे, मान्धाता विधायक श्री नारायण पटेल सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
"मध्यप्रदेश नदियों का मायका है, माँ नर्मदा इसकी आत्मा" – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश को नदियों का मायका कहा जाता है और माँ नर्मदा इसमें प्रमुख स्थान रखती हैं। उनकी पवित्रता और संरक्षण के लिए सरकार निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देकर राज्य के सांस्कृतिक और आर्थिक विकास को एक नई दिशा दी जाएगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी श्रद्धालुओं को माँ नर्मदा परिक्रमा के महत्व से अवगत कराते हुए संस्कृति, आस्था और संरक्षण के इस अभियान में अधिक से अधिक लोगों को सम्मिलित होने का आह्वान किया।
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