भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में 'मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा' शुरू करने की मंजूरी दी गई। इस योजना का उद्देश्य शहरों और ग्रामीण इलाकों में सुविधाजनक, सुरक्षित और संगठित बस परिवहन सेवा प्रदान करना है।
कैसे चलेगी यह सेवा?
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प्रदेश के विभिन्न ग्रामीण और साधारण मार्गों का सर्वेक्षण कर ट्रैफिक और बसों की संख्या तय की जाएगी। 
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बसों का संचालन निजी क्षेत्र के सहयोग से किया जाएगा। 
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101.20 करोड़ रुपये की राशि इस योजना के लिए स्वीकृत की गई है। 
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राज्य स्तर पर एक होल्डिंग कंपनी बनाई जाएगी, जो बसों का संचालन सुनिश्चित करेगी। 
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अभी प्रदेश में 20 शहरों में सार्वजनिक परिवहन कंपनियाँ हैं, जिन्हें सात संभागीय कंपनियों में बदला जाएगा। 
आई.टी. टेक्नोलॉजी का उपयोग
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एक संगठित आई.टी. प्लेटफॉर्म विकसित किया जाएगा। 
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यात्रियों के लिए मोबाइल ऐप, जिससे बसों की ट्रैकिंग और टिकट बुकिंग संभव होगी। 
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कैशलेस भुगतान सुविधा भी मिलेगी। 
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बस ऑपरेटर्स की निगरानी के लिए कंट्रोल और कमांड सेंटर बनाए जाएंगे। 
बस अड्डों और परिवहन सुविधाओं का विकास
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नए बस स्टैंड, बस टर्मिनल और चार्जिंग स्टेशन विकसित किए जाएंगे। 
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नगर निगम और अन्य संस्थाएँ बस स्टॉप और परिवहन सुविधाओं के विकास में सहयोग करेंगी। 
शासन स्तर पर निर्णय
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जिला स्तरीय यात्री परिवहन समिति बनाई जाएगी, जिसकी निगरानी कलेक्टर करेंगे। 
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परिवहन सेवा को ग्रीन फंडिंग और केंद्र-राज्य सरकार की योजनाओं से भी सहायता मिलेगी। 
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ई-बसों और इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशनों को भी बढ़ावा दिया जाएगा। 
इस योजना से प्रदेशवासियों को बेहतर और सुविधाजनक बस सेवा मिलेगी, जिससे उनके सफर को सुरक्षित और आरामदायक बनाया जा सकेगा।
सरकारी कर्मचारियों के भत्तों में बढ़ोतरी
कैबिनेट ने शासकीय सेवकों के भत्तों में बढ़ोतरी की मंजूरी दी है। इससे सरकार पर 1,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वार्षिक व्यय आएगा।
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गृह भत्ता: A श्रेणी के शहरों में 10%, B में 7% और C एवं D में 5% बढ़ोतरी। 
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अन्य भत्ते: दैनिक भत्ता, वाहन भत्ता, मील भत्ता, स्थानांतरण अनुदान आदि में बढ़ोतरी। 
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मृत्यु पर अनुग्रह अनुदान: 1.25 लाख रुपये तक किया गया। 
छतरपुर में माता बम्बरबैनी मंदिर पवित्र क्षेत्र घोषित
सरकार ने छतरपुर जिले के लवकुशनगर में स्थित माता बम्बरबैनी प्राचीन मंदिर स्थल को पवित्र क्षेत्र घोषित किया है। इसके अंतर्गत 30.375 हेक्टेयर पहाड़ी क्षेत्र और 0.012 हेक्टेयर मंदिर परिसर शामिल है।

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