राहुल गांधी का बड़ा बयान: "1984 सिख विरोधी दंगों की जिम्मेदारी स्वीकार करता हूं, भले ही उस वक्त मैं पार्टी में नहीं था"

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को लेकर एक अहम बयान देते हुए कहा है कि उनकी पार्टी ने अतीत में कई गंभीर गलतियां की हैं और वह उन गलतियों की जिम्मेदारी लेने को तैयार हैं, भले ही उस समय वह पार्टी में सक्रिय नहीं थे। राहुल गांधी का यह बयान अमेरिका की प्रतिष्ठित ब्राउन यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम के दौरान सामने आया।

राहुल गांधी 
यह बयान राहुल गांधी ने 21 अप्रैल को वॉटसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स में संवाद के दौरान एक सिख छात्र के सवाल के जवाब में दिया। छात्र ने 1984 के दंगों और कांग्रेस पार्टी की भूमिका पर सवाल उठाते हुए यह पूछा कि वे सिख समुदाय के साथ सुलह और विश्वास बहाली के लिए क्या प्रयास कर रहे हैं।

राहुल गांधी ने कहा, “मैंने पहले भी सार्वजनिक रूप से कहा है कि 1980 के दशक में जो हुआ, वह गलत था। मैं उस समय कांग्रेस में नहीं था, लेकिन फिर भी पार्टी की ओर से हुई गलतियों की जिम्मेदारी लेता हूं।” उन्होंने आगे कहा, “मैं कई बार स्वर्ण मंदिर गया हूं और सिख समुदाय के साथ मेरे बहुत अच्छे और प्रेमपूर्ण संबंध हैं।”

भाजपा का तीखा पलटवार

राहुल गांधी की इस टिप्पणी के बाद भाजपा ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि यदि वह वास्तव में 1984 के दंगों के लिए जिम्मेदारी लेते हैं, तो उन्हें जगदीश टाइटलर, कमलनाथ और सैम पित्रोदा जैसे नेताओं को पार्टी से निकालना चाहिए

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने कहा, “अगर राहुल गांधी को सच में पश्चाताप है, तो आधे मन से बयान देने के बजाय वे ठोस कार्रवाई करें और उन लोगों को पार्टी से निष्कासित करें जो उस दौर से जुड़े रहे हैं।”

वहीं, भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने भी राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि अब वह केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में उपहास का पात्र बन चुके हैं। उन्होंने कहा, “सिख छात्र ने उन्हें उनके पुराने बयानों की याद दिलाई, जिसमें उन्होंने भारत में सिखों को पगड़ी पहनने की स्वतंत्रता को लेकर डर का माहौल बताया था।”

हिंदू विचारधारा पर भी राहुल गांधी की टिप्पणी

संवाद के दौरान राहुल गांधी ने यह भी कहा कि भगवान राम, गुरु नानक, गांधी, आंबेडकर, बसवन्ना और नारायण गुरु जैसे भारतीय विचारक सभी सहिष्णुता, अहिंसा और बहुलवाद के प्रतीक थे। उन्होंने कहा, “मैं भाजपा की विचारधारा को हिंदू विचार नहीं मानता। सच्चा हिंदू विचार सहिष्णु और प्रेमपूर्ण होता है।”

इसके जवाब में भाजपा ने राहुल गांधी पर हिंदू भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया। अमित मालवीय ने कहा, “भगवान राम भारत की आत्मा हैं। उन्हें 'पौराणिक व्यक्ति' कहकर राहुल गांधी करोड़ों हिंदुओं की आस्था का अपमान कर रहे हैं।”

राहुल गांधी का यह बयान निश्चित रूप से सियासी हलकों में नई बहस को जन्म देगा। एक ओर उन्होंने 1984 की घटनाओं की जिम्मेदारी लेकर राजनीतिक साहस दिखाने की कोशिश की है, तो दूसरी ओर भाजपा ने इसे राजनीतिक नौटंकी करार देते हुए ठोस कार्रवाई की मांग की है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस नेतृत्व आगे कोई बड़ा कदम उठाता है या यह बयान भी बीते बयानों की तरह राजनीतिक बयानबाजी बनकर रह जाएगा।

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