सत्यपाल मलिक पर 2200 करोड़ के किरू हाइड्रोपावर घोटाले में सीबीआई का आरोपपत्र, अस्पताल में भर्ती

नई दिल्ली, 22 मई 2025: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने जम्मू-कश्मीर के किरू जलविद्युत परियोजना में ₹2,200 करोड़ के सिविल कार्यों के ठेके में कथित भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और सात अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। मलिक ने दावा किया था कि उन्हें परियोजना से संबंधित फाइलों को मंजूरी देने के लिए ₹300 करोड़ की रिश्वत की पेशकश की गई थी।


सीबीआई ने तीन साल की जांच के बाद विशेष अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें मलिक के अलावा उनके सहयोगी वीरेंद्र राणा और कंवर सिंह राणा, चेनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (सीवीपीपीपीएल) के तत्कालीन प्रबंध निदेशक एमएस बाबू, निदेशक अरुण कुमार मिश्रा और एम.के. मित्तल, साथ ही पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के प्रबंध निदेशक रूपेन पटेल और कंवलजीत सिंह दुग्गल को आरोपी बनाया गया है। आरोप है कि टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी और एक निजी कंपनी को अनुचित लाभ दिया गया।

मलिक, जो 2018 से 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल थे, ने 2021 में सार्वजनिक रूप से खुलासा किया था कि उन्हें दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए ₹300 करोड़ की रिश्वत की पेशकश की गई थी, जिनमें से एक किरू परियोजना से संबंधित थी। इस बयान के बाद सीबीआई ने जांच शुरू की और फरवरी 2024 में मलिक के आवास सहित 30 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी।

वर्तमान में मलिक अस्पताल में भर्ती हैं। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "मैं अस्पताल में हूं और किसी से बात करने की स्थिति में नहीं हूं।" उन्होंने शुभचिंतकों के फोन कॉल्स का जिक्र करते हुए अपनी असमर्थता जताई।

यह मामला 2019 में किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (एचईपी) के ₹2,200 करोड़ के ठेके में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है। सीबीआई का कहना है कि टेंडर प्रक्रिया में नियमों को दरकिनार कर एक निजी कंपनी को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।

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