जबलपुर: केंद्रीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने मध्यप्रदेश को रेल कनेक्टिविटी और अधोसंरचना के क्षेत्र में बड़ी सौगात दी है। गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने रीवा-पुणे, जबलपुर-रायपुर और ग्वालियर-केएसआर बेंगलुरु सिटी के लिए तीन नई रेलगाड़ियों की घोषणा की। इसके साथ ही, पीएम गतिशक्ति योजना के तहत ₹24,208 करोड़ की रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी गई, जो मध्यप्रदेश के विकास को नई गति प्रदान करेंगी।
तीन नई रेलगाड़ियां: बेहतर कनेक्टिविटी का वादा
- रीवा-पुणे एक्सप्रेस: यह ट्रेन रीवा से जबलपुर होते हुए पुणे तक चलेगी, जिससे विंध्य क्षेत्र के यात्रियों को महाराष्ट्र के लिए सुगम और सीधी रेल सेवा मिलेगी।
- जबलपुर-रायपुर एक्सप्रेस: जबलपुर से नैनपुर और गोंदिया होते हुए रायपुर तक की यह सेवा महाकौशल और छत्तीसगढ़ के बीच यात्री आवागमन को तेज और सुविधाजनक बनाएगी।
- ग्वालियर-के�एसआर बेंगलुरु सिटी एक्सप्रेस: यह ट्रेन ग्वालियर से गुना और भोपाल होते हुए बेंगलुरु तक जाएगी, जिससे मध्यप्रदेश और दक्षिण भारत के बीच सीधी रेल कनेक्टिविटी स्थापित होगी।
इन ट्रेनों के शुरू होने से मध्यप्रदेश के यात्रियों को न केवल बेहतर यात्रा सुविधा मिलेगी, बल्कि सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।
पीएम गतिशक्ति योजना: ₹24,208 करोड़ की रेल परियोजनाएं
रेल मंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश में चार प्रमुख रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिनकी कुल लंबाई 565 किमी और लागत ₹24,208 करोड़ है। ये परियोजनाएं हैं:
मध्यप्रदेश में नई रेल परियोजनाएं
1. मनमाड-इंदौर नई रेल लाइन
लंबाई: 309 किमी
लागत: ₹18,036 करोड़
विवरण: इंदौर, धार, खरगोन और बड़वानी को महाराष्ट्र के नासिक और धुले से जोड़ेगी।
2. भुसावल-खंडवा तीसरी और चौथी रेल लाइन
लंबाई: 131 किमी
लागत: ₹3,514 करोड़
विवरण: माल परिवहन की क्षमता को दोगुना करेगा।
3. प्रयागराज (इरादतगंज)-माणिकपुर तीसरी रेल लाइन
लंबाई: 84 किमी
लागत: ₹1,640 करोड़
विवरण: रीवा क्षेत्र को चित्रकूट और प्रयागराज से जोड़ेगी।
4. रतलाम-नागदा तीसरी और चौथी रेल लाइन
लंबाई: 41 किमी
लागत: ₹1,018 करोड़
विवरण: पश्चिमी तट के बंदरगाहों से कनेक्टिविटी बढ़ाएगी।
रतलाम-नागदा खंड: विशेष जानकारी
विवरण: 41 किमी के इस खंड को चार लाइनों में बदला जाएगा, जिससे लाइन उपयोगिता 116% से घटकर 65% हो जाएगी।
स्टेशन: रतलाम जंक्शन, बैंगरोड, रनखेड़ा, खाचरोद, बेरावन्या, नागदा जंक्शन।
निर्माण: 70 फुट ओवर ब्रिज, 5 बड़े पुल, 3 रेलवे ओवरब्रिज, 15 अंडरब्रिज।
तकनीक: "कवच" सिग्नल प्रणाली और 160 किमी/घंटा गति क्षमता।
लाभ: 28 लाख मानव-दिवस का रोजगार, 38 करोड़ किलोग्राम CO2 उत्सर्जन में कमी (1.5 करोड़ पेड़ों के बराबर)।
मध्यप्रदेश के लिए ऐतिहासिक कदम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि इन परियोजनाओं से मध्यप्रदेश के औद्योगिक, कृषि और पर्यटन क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति होगी। रेल मंत्री ने जोर देकर कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और विकसित राष्ट्र के विजन को साकार करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
ये रेल परियोजनाएं और नई ट्रेनें मध्यप्रदेश को देश के अन्य हिस्सों से जोड़कर आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देंगी, साथ ही पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देंगी।
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