मानसून की दस्तक: 4 जून से मध्य प्रदेश में झमाझम बारिश

नई दिल्ली, 24 मई 2025: दक्षिण-पश्चिम मानसून ने शनिवार को केरल में अपनी दस्तक दे दी, जो पिछले 16 वर्षों में सबसे पहले मानसून आगमन में से एक है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, यह सामान्य तारीख 1 जून से 8 दिन पहले हुआ है। मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि 4 जून से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और गुजरात सहित मध्य भारत के बड़े हिस्सों में झमाझम बारिश शुरू हो सकती है।



केरल में जल्दी मानसून, मध्य भारत में तेजी से प्रगति

आईएमडी के अनुसार, मानसून ने 2009 और 2001 के बाद इस बार सबसे जल्दी केरल में प्रवेश किया है, जब यह 23 मई को पहुंचा था। मौसम विभाग ने बताया कि 22 से 27 मई के बीच केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश, और पूर्वोत्तर राज्यों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनी हुई हैं। 29 मई से 4 जून तक मानसून दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत, पूर्वोत्तर भारत, और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में और आगे बढ़ेगा।

मौसम विभाग की भविष्यवाणी: "4 जून से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और गुजरात में मानसूनी बारिश शुरू होने की संभावना है।"

मानसून की प्रगति को बढ़ाने वाले कारक

मौसम विभाग के अनुसार, अरब सागर में कोंकण-गोवा तट पर एक कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जो मानसूनी हवाओं को मजबूती प्रदान करेगा। इसके अलावा, तेलंगाना और मध्य प्रदेश में कम दबाव की दो ट्रफ और पंजाब व असम में चक्रवाती तूफान की स्थिति भी मानसून की प्रगति में सहायता करेगी। आईएमडी के अधिकारियों ने बताया कि अरब सागर का कम दबाव क्षेत्र शनिवार तक उत्तर की ओर बढ़ेगा, जिससे मानसून की गति और तेज होगी। हालांकि, इसके चक्रवात में बदलने की संभावना कम है।

“इस साल मानसून की शुरुआत असामान्य रूप से जल्दी हुई है, और मध्य भारत में 4 जून से अच्छी बारिश की उम्मीद है।” - आईएमडी अधिकारी

मध्य प्रदेश के लिए राहत की उम्मीद

मध्य प्रदेश में मानसून की समय से पहले दस्तक किसानों और आम जनता के लिए राहत की खबर है। गर्मी और सूखे की स्थिति से जूझ रहे राज्य में बारिश से खेती और जल संसाधनों को लाभ होगा। मौसम विभाग ने प्री-मानसून बारिश के भी संकेत दिए हैं, जो 29 मई से शुरू हो सकती हैं। मध्य प्रदेश के कई हिस्सों, विशेष रूप से भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में 4 जून से भारी बारिश की संभावना है।

किसानों और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

मानसून का समय से पहले आगमन मध्य भारत की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है। विशेषज्ञों का कहना है कि अच्छी बारिश से खरीफ फसलों की बुआई में तेजी आएगी, जिससे किसानों को लाभ होगा। हालांकि, मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति भी बन सकती है, जिसके लिए प्रशासन को तैयार रहने की सलाह दी गई है।

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