कांग्रेस ने मप्र और हरियाणा में जिला अध्यक्षों के चयन के लिए 71 पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की

नई दिल्ली, 25 मई 2025: कांग्रेस पार्टी ने अपने संगठन को मजबूत करने की दिशा में एक और कदम उठाते हुए मध्य प्रदेश और हरियाणा में जिला अध्यक्षों के चयन के लिए 71 पर्यवेक्षकों की नियुक्ति को मंजूरी दी है। यह फैसला अहमदाबाद अधिवेशन में जिला अध्यक्षों को महत्वपूर्ण बनाने के प्रस्ताव के तहत लिया गया है।


मल्लिकार्जुन खरगे का निर्देश: तत्काल शुरू करें काम

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने रविवार को बताया कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इन पर्यवेक्षकों की नियुक्ति को हरी झंडी दे दी है। उन्होंने सभी पर्यवेक्षकों को तत्काल प्रभाव से अपना काम शुरू करने का निर्देश दिया है। प्रत्येक जिले में एक केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया जाएगा, जिनके साथ प्रदेश कांग्रेस का एक सहायक पर्यवेक्षक सहयोग के लिए तैनात होगा।

मध्य प्रदेश और हरियाणा में पर्यवेक्षकों की सूची

संगठन सृजन अभियान के तहत मध्य प्रदेश के लिए 50 और हरियाणा के लिए 21 पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की गई है। मध्य प्रदेश के लिए नियुक्त प्रमुख नेताओं में सप्तगिरि उलाका, गुरदीप सिंह सप्पल, अखिलेश प्रताप सिंह, डॉ. अजय कुमार, विवेक बंसल, रिपुन बोरा, और कृष्णा तीरथ शामिल हैं। वहीं, हरियाणा के लिए सांसद मणिक्कम टैगोर, वर्षा गायकवाड़, डॉ. अमर सिंह, गिरीश चडोनकर, काजी निजामुद्दीन, विजय इंदर सिंह, लालजी देसाई, और श्रीनिवास बीवी जैसे 21 नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

संगठन सृजन अभियान का महत्व

कांग्रेस का यह कदम संगठन सृजन अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य स्थानीय स्तर पर पार्टी की संरचना को मजबूत करना और जिला अध्यक्षों के चयन में पारदर्शिता व निष्पक्षता सुनिश्चित करना है। यह अभियान पार्टी को आगामी चुनावों के लिए तैयार करने और जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

क्या होगा पर्यवेक्षकों का कार्य?

  • जिला अध्यक्षों के चयन के लिए स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ विचार-विमर्श करना।
  • पार्टी के नियमों और दिशा-निर्देशों के अनुसार चयन प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना।
  • प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व के बीच समन्वय स्थापित करना।
  • चयन प्रक्रिया की प्रगति पर नियमित रिपोर्ट पार्टी नेतृत्व को सौंपना।

कांग्रेस की रणनीति और भविष्य

मध्य प्रदेश और हरियाणा में यह कदम कांग्रेस की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत पार्टी क्षेत्रीय स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। दोनों राज्यों में आगामी स्थानीय निकाय और विधानसभा चुनावों को देखते हुए यह नियुक्तियां महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि संगठनात्मक ढांचे में सुधार और सक्रिय नेतृत्व के चयन से कांग्रेस को इन राज्यों में अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी।

Post a Comment

أحدث أقدم