जबलपुर। शहर के विविध सामाजिक संगठनों ने जाति जानगणना के फैसले का स्वागत किया है। इन संगठनों ने इसे इस पहल को सामाजिक समावेशन की दिशा में युगांतकारी कदम करार दिया है। इन संगठनों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर जाति जनगणना की स्पष्ट समय-सीमा निर्धारित करने की पुरज़ोर मांग रखी।
वंचित समुदायों को मिलेगा उचित प्रतिनिधित्व
इस ज्ञापन में आग्रह किया गया कि जनगणना की प्रक्रिया को शीघ्र शुरू किया जाए, ताकि वंचित और हाशिए पर खड़े समुदायों को उचित प्रतिनिधित्व और संसाधनों का न्यायोचित वितरण सुनिश्चित किया जा सके। प्रतिनिधिमंडल ने इस ऐतिहासिक निर्णय पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव तथा दक्षिण भारत के कई प्रबुद्ध नेताओं के प्रति आभार भी प्रकट किया, जिन्होंने जातिगत आंकड़ों के संकलन की पुरज़ोर वकालत की थी।
बिना समय-सीमा तय किए यह पहल अधूरी
ज्ञापन सौंपते समय प्रमुख रूप से रामरतन यादव, घनश्याम यादव, बैजनाथ कुशवाहा, नोखे लाल प्रजा, रामकुमार पटेल, नरेश चक्रवर्ती, शैलेश लोधी, इंद्र कुमार कुलस्ते, घनश्याम चक्रवर्ती, संजय सेन, जगदीश नन्हेट, इमाम खान, रिजवान अंसारी, एड. मनोज चौधरी, एड. ओपी यादव, श्रीमती माया कुशवाहा, अशोक यादव, अमित पांडे, अरविंद कुशवाहा, डॉ. बालमुकुंद यादव, महेश भट्टी, अनंत कुशवाहा, मुरारी चक्रवर्ती, मोहम्मद इरफान, मेहंदी हसन, सुंदर बाबू, नेम सिंह, एड. अनुराग सिंह, नरेश बारी, विनय भगत, राजेश प्रजापति, विश्नू मलिक, जीतेंद्र यादव, गया धुर्वे, देवकरण पटेल, इमरान लाल नागर और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे सामाजिक न्याय की पुनर्रचना की ओर निर्णायक क़दम बताया। उन्होंने यह भी कहा कि बिना समय-सीमा तय किए यह पहल अधूरी रह जाएगी, और शासन को जल्द से जल्द इसकी रूपरेखा सार्वजनिक करनी चाहिए। संगठनों का मानना है कि यह कवायद समाज के वास्तविक ढांचे को समझने का अवसर प्रदान करेगी, जिससे नीतिगत स्तर पर न्यायसंगत परिवर्तन संभव हो सकेंगे।
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