भारत ने रूस में कहा: परमाणु ब्लैकमेल और आतंकवाद कतई बर्दाश्त नहीं

मास्को, 24 मई 2025: द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) सांसद कनिमोझी के नेतृत्व में भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने रूस की यात्रा के दौरान आतंकवाद के खिलाफ भारत की कठोर नीति को दोहराया और स्पष्ट किया कि भारत किसी भी परमाणु ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं करेगा। मास्को में शुक्रवार को हुई उच्च-स्तरीय बैठकों में प्रतिनिधिमंडल ने रूसी नेतृत्व के साथ वैश्विक आतंकवाद विरोधी ढांचे को मजबूत करने और भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने पर चर्चा की।



आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ नीति

प्रतिनिधिमंडल ने रूसी फेडरेशन काउंसिल की अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के प्रथम उपाध्यक्ष एंड्री डेनिसोव और स्टेट ड्यूमा की अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के अध्यक्ष लियोनिद स्लटस्की के साथ बातचीत की। चर्चा का मुख्य केंद्र आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहमति और ऑपरेशन सिन्दूर जैसे भारत के निर्णायक कदमों पर रहा। कनिमोझी ने जोर देकर कहा कि भारत आतंकवाद को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं करेगा और परमाणु ब्लैकमेल की आड़ में आतंकी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


कनिमोझी का बयान: “भारत शांति के लिए खड़ा है, लेकिन आतंकवाद और परमाणु ब्लैकमेल के खिलाफ हमारा रुख स्पष्ट और कड़ा है। हम आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

भारत-रूस सहयोग और वैश्विक सुरक्षा

बैठकों में भारत और रूस ने आतंकवाद विरोधी उपायों को मजबूत करने, आतंकी संगठनों को सुरक्षित पनाहगाह और वित्तपोषण से वंचित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय तंत्र विकसित करने पर सहमति जताई। दोनों पक्षों ने भारत-रूस संबंधों की ऐतिहासिक मजबूती और आपसी विश्वास पर आधारित रणनीतिक साझेदारी की पुष्टि की। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने रूसी सामरिक अध्ययन संस्थान (आरआईएसएस) के प्रमुख मिखाइल फ्रैदकोव के साथ कट्टरपंथ, गलत सूचना और प्रायोजित प्रचार जैसे मुद्दों पर भी विस्तृत चर्चा की।


प्रतिनिधिमंडल ने रूस के उप विदेश मंत्री एंड्री रुडेंको के साथ द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत की, जिसमें बहुध्रुवीय अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया। दोनों पक्षों ने थिंक टैंकों के साथ संयुक्त विश्लेषणात्मक कार्य के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।

ऑपरेशन सिन्दूर: भारत की सैन्य और कूटनीतिक ताकत

भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने ऑपरेशन सिन्दूर को भारत की आतंकवाद विरोधी लड़ाई में एक मील का पत्थर बताया। इस ऑपरेशन ने न केवल भारत की सैन्य शक्ति को प्रदर्शित किया, बल्कि कूटनीतिक स्पष्टता के साथ वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को मजबूत किया। रूसी पक्ष ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की और भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ सहयोग की प्रतिबद्धता दोहराई।


“भारत और रूस आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं। हमारी साझेदारी वैश्विक स्थिरता और शांति के लिए महत्वपूर्ण है।” - भारत के राजदूत विनय कुमार


प्रतिनिधिमंडल और इसका उद्देश्य

कनिमोझी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल में समाजवादी पार्टी के राजीव राय, भाजपा के कैप्टन बृजेश चौटा, राजद के प्रेम चंद गुप्ता, आप के अशोक कुमार मित्तल और पूर्व राजदूत मंजीव सिंह पुरी शामिल थे। यह दौरा रूस, स्लोवेनिया, ग्रीस, लातविया और स्पेन जैसे देशों में भारत की आतंकवाद विरोधी नीति और ऑपरेशन सिन्दूर के प्रभाव को प्रदर्शित करने के लिए किया गया। प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य आतंकवाद को राज्य की नीति के रूप में इस्तेमाल करने वालों को बेनकाब करना और अंतरराष्ट्रीय एकजुटता को बढ़ावा देना था।

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