🌧️ मानसून पूर्व विकास कार्यों की रफ्तार तेज, सीईओ श्रेयांश कूमट ने नारायणगंज में सड़क, स्कूल, आवास और जल संरचनाओं का किया निरीक्षण

मंडला | 31 मई 2025। "गुणवत्ता के साथ समयबद्ध निर्माण प्राथमिकता होनी चाहिए, ताकि जनता को समय पर सुविधाएं मिल सकें।" — यह संदेश सीईओ जिला पंचायत श्री श्रेयांश कूमट ने आज नारायणगंज क्षेत्र के दौरे के दौरान दिया, जहां उन्होंने सड़क, आवास, स्कूल भवन और जल संरचनाओं सहित अनेक विकास कार्यों का निरीक्षण किया।



🛣️ मानसून से पहले ग्रेवल सड़कों का कार्य पूर्ण करें

सीईओ श्री कूमट ने कोबरीकला गांव में निर्माणाधीन ग्रेवल सड़क का निरीक्षण करते हुए निर्देश दिए कि बरसात से पहले सभी सड़क निर्माण कार्यों को गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए, ताकि ग्रामीणों को आवागमन में किसी प्रकार की परेशानी न हो।


🥬 मढ़ोगढ़ में थ्री-लेयर सब्जी खेती बनी नवाचार की मिसाल

ग्राम मढ़ोगढ़ में उन्नत कृषक द्वारा अपनाई गई थ्री-लेयर सब्जी उत्पादन पद्धति को देखकर सीईओ ने कहा:

"यह तकनीक सीमित भूमि में अधिक उत्पादन का बेहतरीन उदाहरण है, जिसे अधिक से अधिक किसानों को अपनाना चाहिए।"

उन्होंने कृषि नवाचार को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रेरित किया।


🏫 महर्षि सांदीपनि स्कूल भवन निरीक्षण

टिकरिया में निर्माणाधीन महर्षि सांदीपनि स्कूल भवन के निरीक्षण के दौरान सीईओ श्री कूमट ने स्कूल की कक्षाओं, मिड-डे मील कक्ष और कॉन्फ्रेंस हॉल की गुणवत्ता का गहन अवलोकन किया। उन्होंने निर्माण कार्यों को शीघ्रता और गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने के निर्देश दिए।


🏞️ खेत-तालाब और जल संरचनाओं के संरक्षण पर विशेष ध्यान

ग्राम माढ़ोगढ़ और कोंडरा चौकी में खेत-तालाबों के निर्माण कार्य का निरीक्षण करते हुए सीईओ श्री कूमट ने कहा:

तालाब निर्माण को प्राथमिकता दें और ग्रामीणों को मत्स्यपालन व बहुउद्देशीय खेती के लिए प्रोत्साहित करें। जल संरक्षण में जन सहभागिता को बढ़ावा दें।”


🏠 प्रधानमंत्री जनमन आवास का त्वरित निरीक्षण

सीईओ श्री कूमट ने कोबरीकला, माढ़ोगढ़ और कोंडरा चौकी में प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के तहत बन रहे घरों की गुणवत्ता और प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए:

"निर्धारित समय सीमा में गुणवत्तापूर्ण निर्माण पूरा हो और सभी पात्र लाभार्थियों को समय पर आवास मिले।"


💧 स्टॉप डेम और जल स्रोतों के संरक्षण का संदेश

कोबरीकला के स्टॉप डेम के निरीक्षण के दौरान उन्होंने जल स्त्रोतों के पुनर्जीवन और संरक्षण पर बल देते हुए कहा:

"स्थानीय लोगों की सहभागिता से जल संरचनाओं को टिकाऊ और उपयोगी बनाएं। वृक्षारोपण और जल संचयन के लिए ग्रामीणों को प्रेरित करें।"

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