नई दिल्ली। भारतीय सेना की महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में मध्य प्रदेश सरकार के आदिवासी मामलों के मंत्री कुंवर विजय शाह को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इस मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में चल रही कार्यवाही को बंद करने का आदेश दिया और मंत्री शाह की गिरफ्तारी पर 19 मई को लगाई गई अंतरिम रोक को जारी रखने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने स्पष्ट किया कि चूंकि अब यह मामला शीर्ष अदालत के विचाराधीन है, ऐसे में हाईकोर्ट की समानांतर कार्यवाही उचित नहीं है। पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की इस दलील को स्वीकार किया कि एक ही मामले में दो स्तरों पर कानूनी प्रक्रिया नहीं चल सकती।
सेना अधिकारी को लेकर टिप्पणी पर विवाद
यह मामला तब सामने आया जब कर्नल सोफिया कुरैशी, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान एक प्रेस ब्रीफिंग में शामिल हुई थीं। यह ऑपरेशन भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था। इस दौरान एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें मंत्री शाह को कर्नल कुरैशी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करते देखा गया।
इसके बाद, मंत्री के बयान पर व्यापक आलोचना हुई और उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि वह कर्नल कुरैशी को "अपनी बहन से अधिक सम्मान" देते हैं। उन्होंने अपनी टिप्पणी पर खेद भी व्यक्त किया।
एसआईटी कर रही है जांच, कोर्ट ने रिपोर्ट मांगी
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में पहले ही विशेष जांच दल (SIT) के गठन का आदेश दिया था। बुधवार को हुई सुनवाई में अदालत ने मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गठित इस एसआईटी से स्थिति रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट को बताया गया कि जांच एजेंसी ने कुछ डिजिटल उपकरण जब्त किए हैं और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
कोर्ट का स्पष्ट संदेश – “राजनीतिकरण नहीं होने देंगे”
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया कि वह इस मुद्दे को राजनीतिक रंग नहीं देने देना चाहता और किसी तरह के राजनीतिक हस्तक्षेप की अनुमति नहीं दी जाएगी। पीठ ने कहा कि अदालत का ध्यान केवल न्यायिक प्रक्रिया की मर्यादा बनाए रखने और कानून सम्मत जांच सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।
इस मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 14 मई 2025 को स्वतः संज्ञान लेते हुए मंत्री शाह के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था। इस आदेश को चुनौती देते हुए मंत्री शाह ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। अदालत ने 19 मई को अंतरिम राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी और एसआईटी के गठन का आदेश दिया था।
अगली सुनवाई जुलाई में
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई के दूसरे सप्ताह में निर्धारित की है। तब तक, मंत्री शाह को गिरफ्तारी से राहत मिलती रहेगी और एसआईटी की जांच पर निगरानी जारी रहेगी।
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