रात्रि में शहर की बत्तियाँ बुझीं, प्रशासनिक मुस्तैदी और जन-सहभागिता बनी मिसाल

आपदा सुरक्षा अभ्यास के तहत जबलपुर में मॉक ड्रिल के दौरान किया गया 'कम्प्लीट ब्लैकआउट'

जबलपुर। आपदा प्रबंधन की तैयारी को परखने और नागरिकों को संकट की घड़ी में सचेत रहने की सीख देने के उद्देश्य से जबलपुर में बुधवार को शाम 7:30 बजे गोरखपुर क्षेत्र में पूर्ण ब्लैकआउट के साथ एक मॉक ड्रिल का सजीव आयोजन किया गया। यह अभ्यास पुराना गोरखपुर थाना क्षेत्र में किया गया, जहां बिजली की आपूर्ति को जानबूझकर बंद कर आपातकालीन परिस्थितियों का वातावरण निर्मित किया गया।


ब्लैकआउट का समय निर्धारित रूप से 7:30 बजे से 7:42 तक रखा गया, जिसमें नागरिकों, व्यापारियों और संस्थानों ने स्वप्रेरणा से सहभागिता करते हुए अपने परिसर, दुकानों, संस्थानों और वाहनों की बत्तियाँ बंद कर दीं। यह प्रतीकात्मक अंधकार, किसी भी आपदा की स्थिति में सामूहिक सजगता और समन्वय की मिसाल बन गया।

मॉक ड्रिल के दौरान कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना, पुलिस अधीक्षक श्री संपत उपाध्याय, नगर निगम आयुक्त श्रीमती प्रीति यादव, अपर कलेक्टर सुश्री मिशा सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री समर वर्मा, उप पुलिस अधीक्षक श्री आनंद कलादगी, एसडीएम श्री अनुराग सिंह, एसडीआरएफ, एनसीसी, सिविल डिफेंसअन्य स्वयंसेवी संगठनों के सदस्य मौके पर मौजूद रहे।

ड्रिल प्रारंभ होने से पूर्व उप पुलिस अधीक्षक श्री आनंद कलादगी ने सभी वॉलंटियर्स को आवश्यक निर्देश दिए, जिससे कि आपदा प्रबंधन की हर कार्यवाही समयबद्ध और संगठित ढंग से संपन्न हो सके।

गौरतलब है कि यह मॉक ड्रिल केवल गोरखपुर थाना क्षेत्र तक सीमित नहीं रही। इससे पहले दिन में समदड़िया मॉल और गारमेंट क्लस्टर गोरखपुर में भी मॉक ड्रिल का अभ्यास किया गया था। इन सभी स्थलों पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी सहभागिता कर अभ्यास को जनसहयोग के एक प्रभावशाली रूप में ढाला।

प्रशासन का कहना है कि ऐसी मॉक ड्रिल्स से न केवल तंत्र की तैयारी का परीक्षण होता है, बल्कि जनमानस में भी आपदा के प्रति चेतना और सतर्कता की भावना मजबूत होती है।

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