भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ‘सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना’ का बिगुल बजा दिया है। इस महत्वाकांक्षी योजना में 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक निवेश संभावित है, जिससे प्रदेश के लाखों किसानों की तकदीर और तस्वीर बदलने की उम्मीद है। भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित समिट में देशभर के 350 से अधिक निवेशकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और प्रदेश को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में सिरमौर बनाने का संकल्प दोहराया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्ष 2030 तक देश को 500 गीगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन वाला राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को साकार करने में मध्यप्रदेश 100% भागीदारी करेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश की सौर ऊर्जा से दिल्ली मेट्रो जैसी सुविधाएं संचालित हो रही हैं, और अब लक्ष्य है – हर खेत तक सूरज की रौशनी को बिजली में बदलकर पहुंचाना।
किसानों के लिए दिन में बिजली, बिजली बिल से मुक्ति
मुख्यमंत्री ने बताया कि योजना के तहत 32 लाख किसानों को सोलर पंप कनेक्शन मिलेंगे, जिससे वे दिन में सिंचाई कर सकेंगे। सस्ती बिजली मिलने से बिजली बिल से मुक्ति मिलेगी और अतिरिक्त बिजली का क्रय कर सरकार किसानों को आय का स्रोत भी देगी।
24 हजार रोजगार, स्थानीय निवेश और मेगा सोलर हब का निर्माण
मुख्यमंत्री ने बताया कि मोहासा-बाबई क्षेत्र में 22 नई यूनिट्स के लिए भूमि पूजन हो चुका है, जिससे 24 हजार रोजगार सृजित होंगे। हर जिले में स्थानीय निवेशकों को 5 मेगावॉट क्षमता की इकाई लगाने का अवसर मिलेगा, जिससे 25 वर्षों तक सतत आय अर्जित की जा सकेगी।
1.5 करोड़ प्रति मेगावॉट की केंद्रीय सब्सिडी
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री राकेश शुक्ला ने जानकारी दी कि प्रत्येक परियोजना को 1.5 करोड़ रुपये प्रति मेगावॉट की केंद्रीय सहायता मिलेगी। इसके साथ 3 प्रतिशत ब्याज पर 7 साल तक ऋण की सुविधा कृषि अवसंरचना निधि (AIF) के अंतर्गत मिलेगी।
सिंगल विंडो से अनुमति, न्यूनतम कागजी कार्यवाही
इस योजना को ज़मीन पर उतारने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया जा रहा है ताकि निवेशकों और स्थानीय उद्यमियों को न्यूनतम दस्तावेजों के साथ त्वरित अनुमति मिल सके। जर्मन तकनीकी संस्था GIZ भी तकनीकी सहयोग दे रही है।
नई सोच, नया मॉडल: फीडर स्तर पर सोलर संयंत्र
सूर्य मित्र योजना के तहत प्रत्येक 33/11 केवी उपकेंद्र पर फीडर स्तर पर ग्रिड से जुड़े सोलर संयंत्र लगाए जाएंगे। इससे ट्रांसफार्मर पर लोड घटेगा, वोल्टेज स्थिर रहेगा और पारेषण हानियों में भारी कमी आएगी।
मुख्यमंत्री की अभिनव पहल को मिला राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय समर्थन
कार्यक्रम में GIZ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर श्री बर्नार्ड क्रूजबर को मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। वहीं एसबीआई, सेंट्रल बैंक और एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक जैसे प्रमुख बैंकों से एमओयू के ज़रिए निवेशकों को आसान ऋण देने की सहमति बनी।
समिट में नवाचार, प्रशिक्षण और प्रमाणपत्र
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सक्रिय सहभागिता करने वाले विशेषज्ञों को प्रमाण पत्र वितरित किए और निवेशकों को लेटर ऑफ अवॉर्ड सौंपे। उन्होंने भरोसा जताया कि यह योजना न सिर्फ ऊर्जा आत्मनिर्भरता बल्कि ग्राम-आधारित अर्थव्यवस्था के सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
🔆 क्यों है यह योजना गूगल पर ट्रेंड करने योग्य?
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₹20,000 करोड़ का मेगा निवेश
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किसानों को दिन में मुफ्त बिजली
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सोलर पंप से सिंचाई और आय
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24,000 नए रोजगार
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आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल को मजबूती
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ग्रीन एनर्जी को नई रफ्तार
मध्यप्रदेश अब सिर्फ बिजली पैदा नहीं करेगा, बल्कि ऊर्जा क्रांति की अगुवाई करेगा। सूर्य की रौशनी अब खेतों तक जाएगी और हर किसान के जीवन में उजियारा फैलाएगी।
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