अहमदाबाद विमान हादसा: 270 मौतें, 87 की पहचान डीएनए से

अहमदाबाद। देश को हिला देने वाले अहमदाबाद विमान हादसे को चार दिन बीत चुके हैं, लेकिन इसकी भयावहता कम नहीं हो रही। 12 जून को एअर इंडिया की उड़ान AI-171 के भीषण दुर्घटनाग्रस्त होने से अब तक 270 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, 87 मृतकों की पहचान डीएनए मिलान के जरिए की गई है, और 47 शव उनके परिजनों को सौंपे जा चुके हैं


डीएनए परीक्षण से हो रही पहचान, शवों की हालत बेहद खराब

अतिरिक्त सिविल अधीक्षक डॉ. रजनीश पटेल ने जानकारी दी कि मृतकों के शरीर इतने बुरी तरह जल चुके हैं कि उनकी पहचान केवल डीएनए जांच के जरिए ही संभव हो रही है। शवों की शिनाख्त में लगे वैज्ञानिक और फॉरेंसिक टीमें दिन-रात कार्यरत हैं।

हादसे में जान गंवाने वाले यात्री गुजरात के भरूच, आनंद, जूनागढ़, वडोदरा, मेहसाणा, अरवल्ली, खेड़ा, अहमदाबाद सहित कई जिलों से थे। इसके अलावा, विमान में कुछ विदेशी नागरिक और अन्य राज्यों के यात्री भी सवार थे।

हादसे की भयावहता: मेडिकल कॉलेज परिसर बना तबाही का मंजर

यह हादसा उस समय हुआ जब बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान ने दोपहर 1:39 बजे सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के लिए उड़ान भरी थी। टेकऑफ के कुछ ही मिनटों में विमान संतुलन खो बैठा और अहमदाबाद के एक मेडिकल कॉलेज परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

241 विमान यात्री और चालक दल के सदस्य, और भूमि पर मौजूद 29 लोग, जिनमें 5 मेडिकल छात्र भी शामिल थे, हादसे का शिकार हो गए। चमत्कारिक रूप से एक महिला यात्री जीवित बच निकली, जो वर्तमान में आईसीयू में भर्ती है और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।


पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का शव हुआ पहचान

इस हादसे में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी इसी विमान में सवार थे। रूपाणी का शव भी पूरी तरह से जल चुका था और उनकी पहचान रविवार को डीएनए मिलान के बाद ही हो सकी।

सोमवार को सिविल अस्पताल में उनका पार्थिव शरीर पत्नी अंजलि रूपाणी और परिवार के अन्य सदस्यों को सौंपा गया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, वरिष्ठ मंत्रीगण, और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद थे।

राजकोट में अंतिम यात्रा से पहले उनका शव एक घंटे के लिए आम श्रद्धांजलि के लिए घर पर रखा गया। गृह मंत्री अमित शाह और जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल के भी श्रद्धांजलि देने राजकोट पहुंचने की संभावना जताई गई।


विमान हादसे के बाद सवालों की बौछार

इस त्रासदी ने देशभर में शोक की लहर दौड़ा दी है। केंद्र सरकार और विमानन मंत्रालय ने मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रारंभिक रिपोर्ट में तकनीकी गड़बड़ी और पायलट त्रुटि की आशंका जताई गई है, लेकिन ब्लैक बॉक्स और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर की जांच के बाद ही वास्तविक कारणों का खुलासा होगा।


अहमदाबाद विमान दुर्घटना देश के सबसे भीषण हवाई हादसों में से एक बन चुकी है। मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है और अस्पतालों में मातम पसरा हुआ है। केंद्र और राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की है। 

लेकिन सवाल यही है — क्या इन अनमोल जानों को बचाया जा सकता था? और क्या भारत की हवाई सुरक्षा प्रणाली को अब पुन: मूल्यांकन की जरूरत है? 


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