Anna University रेप केस: दोषी ज्ञानशेखरन को बिना किसी छूट के उम्रकैद, न्यूनतम 30 साल की सजा

चेन्नई। देश को झकझोर देने वाले Anna University यौन उत्पीड़न मामले में चेन्नई की महिला अदालत ने सोमवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अदालत ने आरोपी ज्ञानशेखरन को बिना किसी रियायत के आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए कहा कि उसे कम से कम 30 साल तक जेल में रहना होगा। यह फैसला महिला सुरक्षा और न्यायिक प्रणाली की पारदर्शिता की दिशा में एक मजबूत संदेश माना जा रहा है।


पीड़िता की शिकायत से हिली तमिलनाडु की सियासत

यह मामला 23 दिसंबर 2024 को सामने आया, जब अन्ना विश्वविद्यालय परिसर में एक छात्रा ने कोट्टूरपुरम के अखिल महिला थाना में यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई। पीड़िता ने आरोप लगाया कि आरोपी ज्ञानशेखरन ने उसे उसके पुरुष मित्र के साथ देखकर धमकाया और फिर दुष्कर्म किया। इस घटना ने पूरे तमिलनाडु को हिला कर रख दिया, और सोशल मीडिया पर #JusticeForAnnaUniversityVictim ट्रेंड करने लगा।

अभियोजन पक्ष ने पेश किए 11 ठोस आरोप

सरकारी वकील ने बताया कि अभियोजन पक्ष ने 11 गंभीर आरोपों के साथ चार्जशीट दाखिल की, जिसमें फोरेंसिक, मेडिकल और डिजिटल सबूतों के माध्यम से अदालत में साबित कर दिया गया कि आरोपी दोषी है। महिला अदालत की न्यायाधीश एम. राजलक्ष्मी ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सजाएं एक साथ चलेंगी, लेकिन आरोपी को 30 वर्षों तक कोई राहत नहीं मिलेगी।

ज्ञानशेखरन का दावा: परिवार का इकलौता कमाने वाला

सुनवाई के दौरान ज्ञानशेखरन ने अदालत से सजा में नरमी की अपील करते हुए कहा कि वह अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला है। लेकिन न्यायाधीश ने इसे खारिज करते हुए कहा कि ऐसे अपराधों में किसी तरह की सहानुभूति की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए।

राजनीतिक विवाद: DMK के साथ कथित संबंध

इस मामले ने तब और तूल पकड़ा जब आरोपी के सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) से कथित संबंध सामने आए। हालांकि, मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने स्पष्ट किया कि ज्ञानशेखरन पार्टी का आधिकारिक सदस्य नहीं है, सिर्फ एक समर्थक था।

जांच और निष्कर्ष

मामले की एफआईआर लीक होने के बाद मद्रास उच्च न्यायालय ने जांच विशेष जांच दल (SIT) को सौंप दी। SIT ने फरवरी में अदालत में चार्जशीट दाखिल की। महिला अदालत ने भारतीय न्याय संहिता (BNS), आईटी अधिनियम और तमिलनाडु महिला उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दोष सिद्ध किया।

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