स्मार्ट मीटर बना ‘स्मार्ट सिरदर्द’ : गर्मी में जले हजारों मीटर, उपभोक्ताओं को थमाया जा रहा एवरेज बिल – कांग्रेस का बिजली विभाग पर बड़ा हमला

📉 जबलपुर सहित पूरे मध्य प्रदेश में स्मार्ट मीटरों की भारी खराबी पर बवाल, उपभोक्ता हो रहे परेशान, कांग्रेस ने साधा निशाना

जबलपुर, 12 जून 2025 । मध्य प्रदेश में बढ़ती भीषण गर्मी जहां आम जनजीवन को बेहाल कर रही है, वहीं बिजली विभाग की स्मार्ट मीटर प्रणाली अब उपभोक्ताओं के लिए ‘स्मार्ट सिरदर्द’ बन गई है। जबलपुर सहित प्रदेश भर में हजारों स्मार्ट मीटर या तो जल गए हैं या अचानक खराब हो गए हैं, जिससे उपभोक्ताओं को अनाप-शनाप एवरेज बिल भेजे जा रहे हैं।


इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस ने बिजली विभाग और सरकार पर जोरदार हमला बोला है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के ओबीसी विभाग के उपाध्यक्ष टीकाराम कोष्टा ने कहा कि “स्मार्ट मीटर तो स्मार्ट रहे नहीं, लेकिन उपभोक्ताओं को जरूर मूर्ख बना रहे हैं”


🔥 भीषण गर्मी + स्मार्ट मीटर = उपभोक्ताओं की नींद उड़ाई

कांग्रेस नेता टीकाराम कोष्टा
टीकाराम कोष्टा ने बताया कि जबलपुर में पिछले महज दो हफ्तों में 4115 स्मार्ट मीटर खराब हो गए हैं, जो या तो जल गए या काम करना बंद कर चुके हैं। इसके बावजूद बिजली विभाग इन उपभोक्ताओं को बिना किसी जांच के एवरेज बिल थमा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि मीटर खराब हैं तो उपभोक्ता पर क्यों बोझ डाला जा रहा है?

🧾 बिल सुधार नहीं, उल्टा सरचार्ज वसूली!

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि जिन उपभोक्ताओं के बिल में गड़बड़ी है, उन्हें समाधान के बजाय सरचार्ज ठोका जा रहा है।

“नियत तिथि के पहले बिल सुधार नहीं किया जा रहा ताकि ₹50 सरचार्ज हर उपभोक्ता से वसूला जा सके। यह योजनाबद्ध लूट है।” – टीकाराम कोष्टा


🏢 बिजली ऑफिस में नहीं कागज़, पेन, न पीडीएफ!

विजयनगर बिजली कार्यालय पर भी कोष्टा ने गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता अपनी शिकायत लेकर जब ऑफिस जाते हैं, तो न तो उन्हें रसीद मिलती है, न शिकायत की कॉपी और न ही डिजिटल पीडीएफ।

“शिकायत केंद्र 1912 केवल नाम का है, समाधान तो मानो लॉटरी जैसा हो गया है।” – अलीम मंसूरी, कांग्रेस कोऑर्डिनेटर


💬 अधिकारी बोले - "धूप ज्यादा है, मीटर जल गए"

बिजली विभाग के अधिकारी मीटर खराब होने पर सफाई देते हुए कह रहे हैं कि कूलर, एसी, पंखा का बढ़ता लोड और गर्मी के कारण मीटर काम नहीं कर पा रहे। पहले जहां मीटर तीन दिन में बदलने का दावा था, अब एक हफ्ते से भी ज्यादा हो जाता है और उपभोक्ता इंतजार करता रह जाता है।


⚠️ कांग्रेस की मांग:

  • स्मार्ट मीटरों की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई हो।

  • खराब मीटरों को तुरंत बदला जाए

  • एवरेज बिल वसूली बंद की जाए, और उपभोक्ताओं को रीडिंग आधारित सही बिल दिया जाए।

  • बिजली विभाग कार्यालयों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाई जाए।


स्मार्ट मीटर की योजना उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए लाई गई थी, लेकिन अब यही योजना स्मार्ट लूट का नया जरिया बनती नजर आ रही है। कांग्रेस का कहना है कि यदि समय रहते समाधान नहीं हुआ तो पूरे प्रदेश में उपभोक्ता आंदोलन छेड़ा जाएगा।

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