🇮🇳 भारत की चेतावनी – “तनाव न बढ़ाएं”
भारत सरकार ने ईरान और इस्राइल के बीच बिगड़ते हालात पर गंभीर चिंता जताते हुए दोनों देशों से संयम बरतने और तनाव कम करने के लिए कदम उठाने की अपील की है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत स्थिति पर करीबी नजर रखे हुए है और क्षेत्रीय शांति के लिए सभी पक्षों से जिम्मेदारी दिखाने की उम्मीद करता है।
☢️ इस्राइल का बयान – “परमाणु खतरे के खिलाफ आत्मरक्षा”
इस्राइल डिफेंस फोर्स (IDF) के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डैफरीन ने पुष्टि की कि इस्राइल ने शुक्रवार सुबह ईरान में एक सटीक और पहले से तय हवाई हमला किया। उन्होंने कहा कि यह हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाकर किया गया है, जो इस्राइल के लिए सीधा अस्तित्वगत खतरा बन चुका है।
“ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकना सिर्फ इस्राइल नहीं, पूरी दुनिया की सुरक्षा के लिए जरूरी है,” – IDF प्रवक्ता
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह हमला केवल आत्मरक्षा के लिए किया गया है और इसका उद्देश्य ईरानी शासन को निकट भविष्य में परमाणु बम बनाने से रोकना है।
🌍 नेतन्याहू की वैश्विक कूटनीति तेज
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने संकेत दिया है कि वे जल्द ही अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से भी बातचीत करेंगे। उनका मकसद है वैश्विक मंच पर इस्राइल की सुरक्षा चिंताओं को रेखांकित करना और व्यापक समर्थन हासिल करना।
⚠️ विश्व संकट की आहट?
विशेषज्ञों का मानना है कि ईरान और इस्राइल के बीच बढ़ते तनाव से पूरे मध्य पूर्व और वैश्विक शांति को गंभीर खतरा हो सकता है। ऐसे में भारत जैसे देश की तटस्थ, संतुलित और शांति की अपील वाली भूमिका राजनयिक रूप से अहम हो जाती है।
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