वरिष्ठ पत्रकार जगदीप सिंह बैस का निधन: पत्रकारिता जगत में शोक की लहर

भोपाल/जबलपुर। मध्यप्रदेश की पत्रकारिता जगत से एक बेहद दुखद समाचार सामने आया है। प्रतिष्ठित समाचार पत्र नया इंडिया के भोपाल संस्करण के संपादक श्री जगदीप सिंह बैस का आज अल्प बीमारी के बाद भोपाल में निधन हो गया। वे लंबे समय से पत्रकारिता क्षेत्र में सक्रिय थे और अपनी सादगी, विनम्रता तथा निर्भीक लेखनी के लिए पहचाने जाते थे। वे सिहोरा वार्ड नं. 13 निवासी प्रदीप सिंह, दिलीप सिंह, कुलदीप सिंह और एड. रवि दीप सिंह बैस के भाई थे। 

श्री जगदीप सिंह बैस

परिवार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, उनका अंतिम संस्कार अंतिम संस्कार आज रविवार, 15 जून को दोपहर 3 बजे सिहोरा हिरन नदी स्थित खितौला मुक्तिधाम में किया जायेगा।  इस दुःखद समाचार के बाद से जबलपुर, भोपाल और प्रदेशभर के पत्रकारों में शोक की लहर दौड़ गई है।

श्री बैस ने अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत नवभारत, जबलपुर से की थी, जहाँ उन्होंने कई वर्षों तक रिपोर्टिंग और संपादन का कार्य किया। उन्होंने 1993-94 सत्र में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर से पत्रकारिता में डिग्री प्राप्त की थी। वे अपने सहकर्मियों के बीच एक सजग, संवेदनशील और अनुशासित पत्रकार के रूप में जाने जाते थे।

उनके निधन पर कई वरिष्ठ पत्रकारों और लेखकों ने शोक व्यक्त किया है। वरिष्ठ पत्रकार श्री चैतन्य भट्ट ने भावुक होते हुए कहा, "जगदीप ने कई वर्षों तक नवभारत में हमारे साथ काम किया था। उनका अचानक चला जाना बेहद दुखद है।"

वहीं वरिष्ठ पत्रकार गंगाचरण मिश्रा ने इसे अत्यंत पीड़ादायक बताते हुए कहा, "भरोसा ही नहीं हो रहा कि अब जगदीप सिंह बैस हमारे बीच नहीं हैं।"

वरिष्ठ पत्रकार आनंद मनोध्या ने कहा, "वे अच्छे पत्रकार ही नहीं, एक बढ़िया इंसान भी थे।" लेखक पंकज स्वामी ने उन्हें याद करते हुए कहा, "जगदीप का मुस्कराता चेहरा और उनकी विनम्रता हमेशा स्मृति में बनी रहेगी।"

वरिष्ठ पत्रकार संजीव श्रीवास्तव ने गहरे दुःख के साथ कहा, "जगदीप भाई की कमी हमेशा खलेगी।"
शहर के अन्य पत्रकारों अजय त्रिपाठी, सुमन पुरोहित, संजय गोस्वामी, चेतन अग्रवाल, विप्लव अग्रवाल, मयंक तिवारी, राजेश दुबे, अनिल यादव (सतना), अमित नामदेव, गणेश सेन, दीपक पटेल, अमित द्विवेदी, डॉ. शैलेश प्रसाद, अनिल सेन और दयाल चंद यादव ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

श्री बैस की पत्रकारिता में ईमानदारी और सामाजिक सरोकारों को प्राथमिकता देने की शैली ने उन्हें जनहित की आवाज़ बनाने में मदद की। उनका जीवन और कार्य आने वाली पीढ़ी के पत्रकारों के लिए प्रेरणा स्रोत रहेगा।

ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।

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