पॉलीथिन जलाने पर रोक, अब होगा पुनः उपयोग
अब तक जब्त की गई प्रतिबंधित पॉलीथिन को नष्ट करने के लिए जलाया जाता था, जिससे वायु प्रदूषण में इजाफा होता था। लेकिन निगमायुक्त ने इस प्रक्रिया को पूरी तरह बदलते हुए पॉलीथिन के रिसाइकल उपयोग की राह चुनी है। इस दिशा में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अमृत साहू सहित नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हुई बैठक में इस नवाचार को मूर्त रूप देने के निर्णय लिए गए।
प्रदूषण पर अंकुश, सड़क निर्माण में नवाचार
निगमायुक्त श्रीमती यादव ने बताया कि यह पहल शहर की वायु गुणवत्ता (AQI) में सुधार के साथ-साथ ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की दिशा में भी अहम साबित होगी। यह योजना स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्यों को भी नई दिशा प्रदान करेगी और पॉलीथिन प्रदूषण के खिलाफ शहर की लड़ाई को मजबूत बनाएगी।
अधिकारियों की सक्रिय सहभागिता
इस बैठक में नगर निगम के अपर आयुक्त वी.एन. बाजपेयी, स्वास्थ्य अधिकारी संदीप जायसवाल, स्वच्छता सेल के सहायक नोडल अधिकारी अभिनव मिश्रा, सहायक स्वास्थ्य अधिकारी अनिल बारी, तकनीकी अधिकारी बालेन्द्र शुक्ला, अर्जुन यादव और अंकुर खरे ने भी भाग लिया। सभी अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि इस निर्णय को जमीनी धरातल पर शीघ्र क्रियान्वित किया जाए।
स्वच्छता, नवाचार और सतत विकास का संगम
निगमायुक्त प्रीति यादव ने कहा कि उनके कार्यकाल में शहर के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को भी प्राथमिकता दी गई है। छोटे उद्यानों के निर्माण, स्वच्छता में तकनीकी नवाचार, और प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में नगर निगम ने उल्लेखनीय कार्य किए हैं। अब अमानक पॉलीथिन के सड़क निर्माण में उपयोग से एक नई मिसाल कायम होगी।
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