इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय समपार फाटक दिवस की थीम रही — "अच्छे निर्णय लेने में लोगों की सहायता करना", और ध्येय वाक्य था "हर समय सही निर्णय"। इसका उद्देश्य था रेलवे समपार फाटकों पर हो रही दुर्घटनाओं को रोकने हेतु जनजागरूकता फैलाना और लोगों को यह समझाना कि लापरवाही से जानमाल की भारी क्षति हो सकती है।
🚦 नुक्कड़ नाटक बने जागरूकता का प्रभावी माध्यम
जबलपुर, कटनी और कोटा जैसे प्रमुख रेलवे स्टेशनों व समपार फाटकों पर नुक्कड़ नाटकों का आयोजन किया गया। इन नाटकों को रेलवे के नागरिक सुरक्षा संगठन और सांस्कृतिक अकादमी के कलाकारों ने प्रस्तुत किया। नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से बताया गया कि समपार फाटक पार करते समय मोबाइल या ईयरफोन का उपयोग, बंद फाटक के नीचे से निकलना, या जल्दबाजी में पार करना दुर्घटना का कारण बन सकता है।
📢 200 से अधिक फाटकों पर बांटे गए पम्पलेट
संरक्षा विभाग ने 201 से अधिक समपार फाटकों पर यात्रियों व राहगीरों को हैंडबिल, पम्पलेट, और संरक्षा पोस्टर वितरित किए। फाटकों और स्टेशनों पर जन उद्घोषणा प्रणाली और पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से भी सतर्कता संबंधी संदेश प्रसारित किए गए।
📲 डिजिटल माध्यम से भी पहुंचाया गया संदेश
संरक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर विशेष रूप से तैयार संरक्षा संदेश, पोस्टर और नारे साझा कर डिजिटल स्तर पर भी व्यापक जागरूकता फैलाने में योगदान दिया।
🧑🏫 सेमिनार और काउंसलिंग का आयोजन
मुख्यालय संरक्षा विभाग द्वारा न्यू कटनी जंक्शन में आयोजित संरक्षा सेमिनार में 100 से अधिक अधिकारियों व कर्मचारियों को समपार पर सतर्कता के विषय में प्रशिक्षण और काउंसलिंग दी गई। सभी रेल कर्मचारियों को समपार फाटकों पर नियमबद्ध कार्यप्रणाली अपनाने के स्पष्ट निर्देश भी दोहराए गए।
🚧 अन्य विभागों की सक्रिय भागीदारी
इस पूरे अभियान में परिचालन, इंजीनियरिंग, वाणिज्य विभाग और रेल सुरक्षा बल की सक्रिय भागीदारी रही, जिससे समपार सुरक्षा की भावना को संस्थागत रूप से सशक्त किया जा सका।
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