मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सड़क किनारे रुका काफिला, छोटे दुकानदार की चाय पीकर जीत लिया दिल

जबलपुर/भेड़ाघाट। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एक बार फिर अपने सरल और जमीन से जुड़े स्वभाव के लिए सुर्खियों में हैं। जबलपुर में आयोजित राज्य स्तरीय लाड़ली बहना एवं महिला सम्मेलन में भाग लेने के बाद जब मुख्यमंत्री डॉ. यादव सड़क मार्ग से डुमना एयरपोर्ट के लिए रवाना हुए, तब रास्ते में भेड़ाघाट बायपास रोड स्थित अंध-मूक चौराहे पर उन्होंने अचानक अपना काफिला रुकवा दिया। वहां सड़क किनारे स्थित एक छोटी सी दुकान "शंकर चाट भंडार" में पहुंचकर उन्होंने चाय की चुस्कियां लीं और लोगों से आत्मीयता से संवाद किया।


मुख्यमंत्री ने ली चाय, दुकानदार ब्रजेश लोधी हुए गदगद

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने चाय की दुकान के मालिक ब्रजेश लोधी से कुशलक्षेम पूछी और उसके परिवार तथा व्यवसाय की जानकारी भी ली। चाय पीने के बाद मुख्यमंत्री ने ब्रजेश को चाय के पैसे भी दिए, जिसे पाकर ब्रजेश बेहद भावुक हो गया। ब्रजेश ने कहा,

"मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मेरी दुकान पर मुख्यमंत्री चाय पीने आएंगे। वो बहुत ही सरल और सहज व्यक्ति हैं। उनसे मिलकर गर्व महसूस हुआ।"

मुख्यमंत्री के साथ जबलपुर सांसद श्री आशीष दुबे, विधायक श्री अशोक रोहाणी, भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष श्री अखिलेश जैन, जिला भाजपा अध्यक्ष श्री राजकुमार पटेल और नगर अध्यक्ष श्री रत्नेश सोनकर भी मौजूद थे।

आत्मीयता से मिला जनसेवक, बढ़ा छोटे दुकानदारों का मनोबल

इस अनौपचारिक मुलाकात ने न केवल स्थानीय नागरिकों को रोमांचित किया, बल्कि छोटे व्यापारियों में भी नई ऊर्जा भर दी। ब्रजेश जैसे छोटे दुकानदारों के लिए यह क्षण न केवल प्रेरणादायक रहा, बल्कि यह भी दर्शाता है कि प्रदेश का नेतृत्व अब जनता से सीधे संवाद और आत्मीय जुड़ाव को प्राथमिकता दे रहा है।

मुख्यमंत्री का यह कदम उनके 'जनता से जुड़ाव' और 'सुलभ नेतृत्व शैली' का प्रमाण है, जो उन्हें आम जनमानस में अलग पहचान देता है।


सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरें, जनता में दिखा उत्साह

मुख्यमंत्री द्वारा चाय पीते हुए तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। लोग मुख्यमंत्री की सहजता और सामान्य जन से जुड़ने की शैली की सराहना कर रहे हैं। कई लोगों ने कमेंट्स में लिखा कि,

"ऐसे नेता आज के समय की जरूरत हैं, जो जनता के बीच आकर उनकी जिंदगी को महसूस करें।"


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का यह सहज और मानवीय पहलू एक बार फिर साबित करता है कि नेतृत्व का असली अर्थ जनता से जुड़ाव में निहित है। सड़क किनारे की एक छोटी सी चाय की दुकान पर रुककर चाय पीना सिर्फ एक प्रतीक नहीं, बल्कि यह बताता है कि मुख्यमंत्री अपनी जनता को केवल वोटर नहीं, परिवार का हिस्सा मानते हैं।


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