जबलपुर। हिंदी उपन्यास साहित्य को तिलिस्मी कल्पनाओं की ऊंचाइयों तक ले जाने वाले अमर रचनाकार देवकीनंदन खत्री की जयंती के अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय, जबलपुर में एक साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह आयोजन सेठ गोविंद दास हिंदी पुस्तकालय एवं वाचनालय के तत्वावधान में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री डी.के. शुक्ला, राजभाषा अधिकारी एवं सहायक कार्मिक अधिकारी (यांत्रिक) ने की। मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार श्री उमेश ओज और विशिष्ट अतिथि के रूप में नगर निगम पार्षद श्रीमती रजनी साहू उपस्थित रहीं। संगोष्ठी का संचालन वरिष्ठ अनुवादक किशोर कुमार साहू ने किया।
तिलिस्मी साहित्य के शिल्पी को दी गई श्रद्धांजलि
कार्यक्रम की शुरुआत देवकीनंदन खत्री जी के चित्र पर माल्यार्पण कर की गई। इसके पश्चात अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ देकर किया गया।
राजभाषा अधिकारी श्री डी.के. शुक्ला ने अपने उद्बोधन में कहा कि "देवकीनंदन खत्री जी ने चंद्रकांता, चंद्रकांता संतति, और भूतनाथ जैसी रचनाओं से न केवल हिंदी साहित्य को समृद्ध किया, बल्कि आम पाठक को भी साहित्य से जोड़ा।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि राजभाषा के प्रचार-प्रसार के लिए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को न केवल कार्यालयीन कार्य बल्कि अभिव्यक्ति के अन्य माध्यमों में भी हिंदी का उपयोग करना चाहिए।
भारत की वैश्विक भूमिका और जी-7 सम्मेलन पर गूंजे विचार
कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा जी-7 शिखर सम्मेलन और भारत की वैश्विक भूमिका पर संगोष्ठी।
मुख्य अतिथि श्री उमेश ओज ने अपने सारगर्भित वक्तव्य में कहा:
"भारत अब रिसर्च, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और डिजिटल ट्रांजैक्शन के क्षेत्र में अग्रणी हो चुका है।"
उन्होंने बताया कि कैसे गांवों तक डिजिटल भुगतान और सीधी सरकारी योजनाएं पहुँच रही हैं, जिससे जीवन स्तर में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। श्री ओज ने विश्वास व्यक्त किया कि "भारत बहुत शीघ्र विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और विश्वगुरु के रूप में पुनः प्रतिष्ठित होगा।" उनके भाषण के दौरान संपूर्ण सभागार करतल ध्वनि से गूंज उठा।
पार्षद श्रीमती रजनी साहू का उत्साहवर्धन
पार्षद श्रीमती रजनी साहू ने कहा कि इस तरह के साहित्यिक कार्यक्रम समाज में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं और युवा वर्ग को प्रेरणा देते हैं। उन्होंने राजभाषा विभाग की सराहना करते हुए आयोजकों को बधाई दी।
कर्मचारियों की सक्रिय सहभागिता
कार्यक्रम में अनेक कर्मचारियों ने साहित्य और भारत की वैश्विक भूमिका पर विचार प्रस्तुत किए। जिनमें प्रमुख रहे:
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पीयूष चौबे
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रोहित कुमार राय
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सत्यम पांडेय
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शिल्पी साहू
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मनोज कुमार सोनी
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प्रदीप जैन
इन वक्ताओं को पुस्तक भेंट कर सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त कौशल किशोर कुशवाहा ने स्वागत गीत प्रस्तुत कर माहौल को सरस बना दिया।
सम्मान और समापन
अध्यक्ष श्री डी.के. शुक्ला द्वारा मुख्य अतिथि श्री उमेश ओज को शॉल और पुस्तक भेंटकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन और समापन घोषणा श्री किशोर कुमार साहू ने की। इस साहित्यिक संगोष्ठी में मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के लगभग 50 कर्मचारी उपस्थित रहे।
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