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प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस लेख को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया। प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा,
"भारतीय रेल हरे-भरे भविष्य के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।"
क्या है ‘नेट ज़ीरो उत्सर्जन’?
नेट ज़ीरो उत्सर्जन का अर्थ है — वातावरण में उत्सर्जित कार्बन की मात्रा और उसे कम करने के प्रयासों के बीच संतुलन बनाना। यह जलवायु परिवर्तन से निपटने का एक अहम कदम माना जाता है।
ऐतिहासिक उपलब्धि: रिकॉर्ड स्तर पर विद्युतीकरण
रेल मंत्री वैष्णव ने बताया कि वर्ष 2014 से पहले के 60 वर्षों में भारतीय रेल ने केवल 21,000 किलोमीटर रेल मार्ग का विद्युतीकरण किया था, जबकि पिछले 11 वर्षों में मोदी सरकार के दौरान 47,000 किलोमीटर मार्ग का विद्युतीकरण हो चुका है। अब 99% ब्रॉड-गेज मार्ग इलेक्ट्रिक बन चुके हैं।
माल ढुलाई में भी जबरदस्त प्रगति
भारतीय रेल की माल ढुलाई क्षमता भी लगातार बढ़ी है। जहाँ 2013-14 में 106 करोड़ टन माल ढोया गया था, वहीं 2023-24 में यह आंकड़ा बढ़कर 162 करोड़ टन हो गया। इसके साथ ही रेलवे ने यह भी सिद्ध किया है कि यह माल ढुलाई का सबसे स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल साधन है, क्योंकि ट्रकों की तुलना में इसमें 90% कम कार्बन उत्सर्जन होता है।
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