ईद के मौके पर बोले मध्यप्रदेश के मुफ्ती-ए-आजम : हर घर में हो सोफिया कुरैशी जैसी बेटी, देश हमें अनदेखा न करे

जबलपुर, 7 जून 2025। ईद-उल-अजहा (बकरीद) के पावन अवसर पर मध्यप्रदेश के मुफ्ती-ए-आजम मौलाना डॉक्टर मोहम्मद मुशाहिद रजा कादरी ने जबलपुर की रानीताल ईदगाह कलां में हजारों नमाजियों को नमाज अदा कराई और देश, समाज और इंसानियत को लेकर एक भावुक एवं प्रेरणादायक संदेश दिया।


“देश को सोफिया कुरैशी जैसी बेटियों की जरूरत”

अपने संबोधन में मौलाना मुशाहिद रजा कादरी ने सेना में सेवा दे रहीं कर्नल सोफिया कुरैशी का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने मुस्लिम समाज को गर्व महसूस कराने का काम किया है। मौलाना ने कहा,

“मैं दुआ करता हूं कि कर्नल सोफिया कुरैशी जैसी साहसी, समर्पित और राष्ट्रभक्त बेटियां हर घर में पैदा हों। उन्होंने देश के लिए जो योगदान दिया है, वह हम सबके लिए प्रेरणास्रोत है।”

हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की अपील

मुफ्ती-ए-आजम ने अपने उद्बोधन में देश में चल रहे हिंदू-मुस्लिम तनावपूर्ण माहौल पर चिंता जताई। उन्होंने कहा,

“यह मुल्क सबका है। इस देश को आजाद कराने में हर मजहब के लोगों का योगदान है। आज भी हमारी कौमें एकजुट होकर सरहदों की हिफाजत कर रही हैं। हमें किसी भी सूरत में आपस में बंटने नहीं देना चाहिए।”

उन्होंने चेताया कि वर्तमान में "फिरका-फरसती" (धार्मिक विभाजन की राजनीति) समाज को कमजोर कर रही है और देश को विकास से पीछे खींच रही है। 

“हमें अनदेखा मत कीजिए, हम हमेशा से मुल्क की हिफाजत में थे, हैं और रहेंगे। हमारी नस्लें भी इस देश की सेवा करती रहेंगी।”

शहीद सैनिकों को दी श्रद्धांजलि

मौलाना मुशाहिद रजा ने हाल ही में भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनके बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता।

“देश की रक्षा करने वाले जवानों का जितना भी सम्मान किया जाए, वह कम है। हम अल्लाह से दुआ करते हैं कि उन्हें जन्नत नसीब हो और उनके परिवारों को सब्र मिले।”

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को ईदुज्जुहा की बधाई दी

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेशवासियों को ईदुज्जुहा की बधाई देते हुए कहा कि ये त्याग, बलिदान और आपसी विश्वास का प्रतीक है। डॉ. यादव ने अपने बयान में कहा कि यह पर्व गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा तथा मानवता और भाईचारे को मजबूत करने का संदेश देता है।

राजनीतिक और प्रशासनिक प्रतिनिधियों ने भी दी बधाई

ईद के मौके पर जबलपुर जिले के तमाम राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, पुलिस अधिकारियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने भी रानीताल ईदगाह पहुंचकर मुस्लिम समाज को बकरीद की बधाई दी। माहौल सौहार्दपूर्ण और शांतिपूर्ण बना रहा।

इस ईद पर जबलपुर से जो संदेश निकला, वह सिर्फ एक धार्मिक संदेश नहीं था, बल्कि एकता, समानता और राष्ट्रप्रेम की पुकार थी। मौलाना मुशाहिद रजा कादरी के शब्दों ने न सिर्फ मुस्लिम समाज को बल्कि पूरे देश को यह याद दिलाया कि भारत की ताकत उसकी विविधता और साझा संस्कृति में ही है।


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