मुंबई। अगर आप संतान सुख की कामना रखते हैं तो अब भी वक्त है अपनी आदतें सुधारने का। विशेषज्ञों का कहना है कि शराब और धूम्रपान जैसी बुरी लतें न केवल सेहत बल्कि भविष्य की पीढ़ी पर भी गंभीर असर डाल रही हैं। प्रजनन विशेषज्ञों ने चेताया है कि इन आदतों से पुरुषों और महिलाओं दोनों में प्रजनन क्षमता तेजी से घट रही है, जिससे गर्भधारण में कठिनाई और गर्भपात जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं।
🔬 वैज्ञानिक तथ्य क्या कहते हैं?
खारघर (मुंबई) स्थित मदरहुड हॉस्पिटल की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुजा थॉमस बताती हैं कि धूम्रपान और शराब के सेवन से महिलाओं में मासिक चक्र अनियमित होता है, हार्मोनल असंतुलन पैदा होता है और भ्रूण के विकास में बाधा आती है। वहीं पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या घटती है और डीएनए क्षति के कारण संतान में जन्मजात विकृतियों की संभावना बढ़ जाती है।
डॉ. थॉमस के अनुसार, "यह एक भ्रम है कि गर्भधारण की योजना बनाते समय इन बुरी आदतों को रोकना पर्याप्त है। हकीकत में इनसे पहले ही पूरी तरह दूरी बना लेना जरूरी है।"
👶 गर्भपात और जटिलताओं का खतरा
नोएडा स्थित मदरहुड अस्पताल की वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. मंजू गुप्ता ने भी इसी दिशा में चिंता जाहिर करते हुए बताया कि धूम्रपान महिलाओं के अंडाणुओं को नुकसान पहुंचाता है और गर्भाशय को इस हद तक प्रभावित करता है कि निषेचित अंडाणु का प्रतिरोपण मुश्किल हो जाता है। पुरुषों के लिए भी यह खतरा कम नहीं, क्योंकि धूम्रपान से शुक्राणु की गुणवत्ता और गतिशीलता दोनों प्रभावित होती है।
📉 क्या हैं प्रमुख खतरे?
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महिलाओं में गर्भपात और समयपूर्व डिलीवरी की आशंका
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पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता में गिरावट
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भ्रूण के डीएनए को नुकसान, जिससे बच्चे में जन्मजात दोष
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हार्मोनल असंतुलन और अनियमित पीरियड्स
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गर्भधारण में लंबी देरी और बांझपन की संभावना
💡 समाधान क्या है?
विशेषज्ञों की सलाह है कि यदि आप माता-पिता बनने की योजना बना रहे हैं, तो इन आदतों से जितना जल्दी हो सके, पूरी तरह दूरी बना लें। प्रजनन स्वास्थ्य सिर्फ शारीरिक नहीं, भावनात्मक और सामाजिक स्वास्थ्य से भी जुड़ा है। ऐसे में एक छोटी सी लापरवाही आपको जिंदगीभर के पछतावे की ओर ले जा सकती है।
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