गोपाष्टमी पर होगा हाईटेक गौशाला का भव्य लोकार्पण, 20 करोड़ की लागत से 51 एकड़ में होगा निर्माण
महापौर अन्नू, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के आयुक्त संकेत भोंडवे, अपर आयुक्त डॉ. परीक्षित झाड़े, और नगर निगम आयुक्त श्रीमती प्रीति यादव ने रविवार को परियोजना स्थल का निरीक्षण किया।
संस्कारधानी को मिलेगा एक अनोखा स्थल
महापौर अन्नू ने जानकारी दी कि उमरिया हाईटेक गौशाला को संस्कारधानी जबलपुर के एक प्रमुख आकर्षण के रूप में विकसित किया जाएगा। यह गौशाला केवल पशु देखभाल का केंद्र न होकर आधुनिक तकनीक, पर्यावरणीय सौंदर्य, और धार्मिक पर्यटन का भी केंद्र होगी।
गौशाला परिसर में होगा—
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सुंदर, स्वच्छ तालाब जिसमें बोटिंग की सुविधा
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हरा-भरा प्लांटेशन एरिया
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कैफेटेरिया
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भव्य विद्युत साज-सज्जा
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गोबर, गौमूत्र से उत्पाद निर्माण की तकनीकी सुविधाएं
20 करोड़ की लागत, 51 एकड़ में होगा निर्माण
महापौर ने बताया कि गौशाला निर्माण के पहले चरण के लिए 5 करोड़ रुपये के टेंडर जारी कर दिए गए हैं। परियोजना का कुल बजट 20 करोड़ रुपये है और यह 51 एकड़ क्षेत्रफल में फैली होगी। यहां 6,000 से 10,000 तक गौवंश रखने की क्षमता विकसित की जा रही है, और सभी सुविधाएं हाइटेक मशीनों से संचालित होंगी।
गोपाष्टमी पर होगा लोकार्पण
महापौर श्री अन्नू ने बताया कि दीपावली के पश्चात गोपाष्टमी के शुभ अवसर पर इस हाईटेक गौशाला का भव्य लोकार्पण किया जाएगा, जिसमें हजारों की संख्या में जबलपुरवासी और गणमान्य अतिथि शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के "स्वावलंबी और आत्मनिर्भर गौ संरक्षण" के दृष्टिकोण को यह परियोजना मजबूत आधार देगी।
गौ आधारित उत्पादों पर होगा विशेष फोकस
निरीक्षण के दौरान महापौर ने आयुक्त भोंडवे को बताया कि परिसर में गौवंश से प्राप्त गोबर और गौमूत्र से बनने वाले उत्पादों की प्रसंस्करण और विपणन इकाइयां भी स्थापित की जाएंगी। इससे गौशाला न केवल आत्मनिर्भर बनेगी, बल्कि रोज़गार और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।
निरीक्षण के दौरान उपस्थित रहे
निरीक्षण के दौरान क्षेत्रीय पार्षद श्रीमती रजनी सुरेंद्र साहू, अपर आयुक्त व्ही.एन. बाजपेयी, प्रशांत गोटिया, मनोज श्रीवास्तव, अधीक्षण यंत्री कमलेश श्रीवास्तव, उद्यान अधिकारी आलोक शुक्ला सहित कई अधिकारीगण मौजूद रहे।
उमरिया हाईटेक गौशाला जबलपुर के शहरी और पर्यावरणीय विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह न केवल मुख्यमंत्री के सपनों की परियोजना है, बल्कि संस्कारधानी को एक नई पहचान दिलाने वाला अभिनव प्रयास भी है।
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