🔬 विशेषज्ञ समिति करेगी जांच, कोविड वैक्सीन के प्रभाव पर भी होगा विश्लेषण
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने जानकारी दी कि इस मामले की गहराई से जांच के लिए जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च के निदेशक डॉ. रविंद्रनाथ की अगुवाई में एक विशेषज्ञ समिति गठित की गई है। यह समिति 10 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी, जिसमें मौतों के पीछे के कारणों की वैज्ञानिक समीक्षा की जाएगी और संभावित समाधान सुझाए जाएंगे।
साथ ही, समिति को यह निर्देश भी दिए गए हैं कि वह यह पता लगाए कि क्या इन मौतों का कोविड-19 टीकाकरण से कोई संभावित संबंध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले भी फरवरी 2024 में इसी तरह के मामलों की जांच के लिए यह समिति गठित की गई थी और युवाओं में बढ़ती हार्ट अटैक की घटनाओं पर अध्ययन जारी है।
🩺 मुख्यमंत्री ने दी स्वास्थ्य चेतावनी, न करें लक्षणों को नजरअंदाज़
सीएम सिद्धारमैया ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि यदि किसी को सीने में दर्द, घबराहट, सांस लेने में तकलीफ या अत्यधिक थकान जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो वे उसे हल्के में न लें और तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाएं। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों की जान बचाने और हृदय संबंधी बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए ‘हृदय ज्योति’ और ‘गृह आरोग्य’ जैसी योजनाएं चला रही है।
🧪 “वैक्सीन के संभावित प्रभावों से इनकार नहीं किया जा सकता” – सिद्धारमैया
मुख्यमंत्री ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक विस्तृत पोस्ट साझा करते हुए कहा,
वैश्विक अध्ययनों में इस बात की संभावना जताई गई है कि कोविड वैक्सीन को जल्दबाज़ी में मंजूरी देने और इसके व्यापक वितरण के कारण कुछ गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जिनमें हृदय रोग भी शामिल हैं।
हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक विशेषज्ञ समिति अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपती, तब तक कोई भी निष्कर्ष निकालना जल्दबाज़ी होगी।
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