मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दी 94,234 मेधावी विद्यार्थियों को डिजिटल उड़ान, बोले – "सबको शिक्षा ही हमारा विकास मंत्र"

भोपाल, 4 जुलाई। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर गुरुवार को उस समय गौरव का केंद्र बन गया जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 94,234 मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप प्रोत्साहन राशि के रूप में 235 करोड़ रुपये से अधिक की राशि एक क्लिक में उनके खातों में अंतरित कर दी। मुख्यमंत्री ने इस ऐतिहासिक अवसर पर "सबको शिक्षा" को राज्य सरकार का विकास मंत्र बताया और कहा, "शिक्षा ही समग्र विकास की धुरी है और सरकार हर बच्चे तक शिक्षा की रोशनी पहुंचाने के लिए कृतसंकल्प है।"



प्रोत्साहन योजना का नया कीर्तिमान

इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने घोषणा की कि अगले सत्र से विद्यार्थियों को राशि के बजाय 25 हजार रुपये मूल्य के अधिक गुणवत्ता वाले आधुनिक लैपटॉप सीधे दिए जाएंगे। कार्यक्रम में मंच से 15 मेधावी विद्यार्थियों को स्वयं लैपटॉप वितरित कर मुख्यमंत्री ने सेल्फी लेकर छात्रों का उत्साहवर्धन किया।

सरकारी स्कूलों ने मारी बाज़ी

मुख्यमंत्री ने बताया कि शासकीय स्कूलों ने इस वर्ष बोर्ड परीक्षाओं में निजी स्कूलों से बेहतर प्रदर्शन किया है — शासकीय स्कूलों का परिणाम 52% और निजी स्कूलों का 48% रहा। यह सूचक है कि सरकारी शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार हुआ है।

प्रेरक आंकड़े और बड़ी योजनाएं

मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2009 से प्रारंभ इस योजना के तहत अब तक 4.32 लाख से अधिक छात्रों को 1080 करोड़ रुपये की सहायता दी जा चुकी है। इस वर्ष की 94,234 विद्यार्थियों की संख्या बीते वर्षों की तुलना में रिकॉर्ड है। योजना का उद्देश्य विद्यार्थियों को डिजिटल शिक्षा से जोड़कर भविष्य के लिए तैयार करना है।

हाई-टेक शिक्षा की दिशा में अग्रसर प्रदेश

मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों को अब सिर्फ किताब-कॉपी ही नहीं, बल्कि सायकिल, स्कूटी और लैपटॉप जैसी आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। लैपटॉप को उन्होंने "सुनहरे भविष्य की तैयारी का सशक्त माध्यम" बताया।

उच्च शिक्षा में भी सरकार का साथ

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि जो विद्यार्थी NEET जैसी प्रवेश परीक्षाएं उत्तीर्ण करते हैं, उनकी 80 लाख तक की मेडिकल फीस राज्य सरकार वहन कर रही है। इंजीनियरिंग व अन्य उच्च शिक्षा पाठ्यक्रमों में भी राज्य सरकार पूरी मदद दे रही है।

सरकारी स्कूलों से निकल रहे हैं 'गुदड़ी के लाल'

मुख्यमंत्री ने अपनी और प्रधानमंत्री मोदी की सरकारी स्कूल पृष्ठभूमि साझा करते हुए कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद इन स्कूलों से कई प्रतिभाएं उभरी हैं, जो देश का भविष्य हैं।

डिजिटल पारदर्शिता की मिसाल बनी डीबीटी

उन्होंने डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) को मोदी सरकार का ऐतिहासिक निर्णय बताते हुए कहा कि इससे शासन प्रणाली में पारदर्शिता और विश्वसनीयता आई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल इंडिया को एक सशक्त आंदोलन में बदला है।

देहदान व अंगदान करने वालों को मिलेगा राज्य सम्मान

मुख्यमंत्री ने एक और उल्लेखनीय घोषणा करते हुए कहा कि जो लोग देहदान या अंगदान करते हैं, उनके परिजनों को 26 जनवरी व 15 अगस्त जैसे राष्ट्रीय पर्वों पर राजकीय सम्मान प्रदान किया जाएगा। अंगदानियों को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम विदाई देने का भी प्रावधान किया गया है।


15 विद्यार्थियों को मंच से मिला सम्मान

कार्यक्रम में मैहर के प्रियल द्विवेदी (492/500) सहित 15 टॉप विद्यार्थियों को मंच से लैपटॉप भेंट किए गए। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि यह सहयोग उनके भविष्य को आकार देने में मील का पत्थर साबित होगा।

स्कूल शिक्षा मंत्री और अन्य गणमान्य रहे मौजूद

इस राज्यस्तरीय कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल शिक्षा एवं परिवहन मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह ने की। उन्होंने कहा कि "ऐसा पहली बार हो रहा है कि जुलाई के पहले सप्ताह में ही लैपटॉप की राशि विद्यार्थियों के खाते में ट्रांसफर कर दी गई है।"
कार्यक्रम में भोपाल गैस राहत मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, सांसद श्री आलोक शर्मा, विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, महापौर श्रीमती मालती राय समेत जनप्रतिनिधि, शिक्षक और अभिभावक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।


विद्यार्थियों ने जताया आभार

लैपटॉप पाकर छात्र-छात्राओं में खुशी की लहर दौड़ गई। 97 प्रतिशत अंक प्राप्त कर स्टेट मेरिट लिस्ट में स्थान बनाने वाली सुभाष स्कूल की नीशू पंडित ने कहा, "यह सहयोग मेरे सीए बनने के सपने को साकार करेगा। मुख्यमंत्री जी का हृदय से धन्यवाद।"
ऐसे ही अन्य विद्यार्थियों ने भी मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया और बताया कि यह सहायता उनके डिजिटल भविष्य का आधार बनेगी।
मध्यप्रदेश सरकार की यह पहल न केवल तकनीकी शिक्षा की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है, बल्कि इससे विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धा, आत्मविश्वास और डिजिटल जागरूकता को भी बढ़ावा मिलेगा। "सबको शिक्षा" के इस मंत्र के साथ मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जो बीड़ा उठाया है, वह प्रदेश को शिक्षित, सक्षम और समृद्ध बनाने की दिशा में ऐतिहासिक साबित होगा।

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