दशकों तक चलने वाले मुकदमे न्याय प्रणाली की साख को कर रहे कमजोर : सीजेआई बी.आर. गवई

हैदराबाद, 13 जुलाई 2025। भारत की न्यायिक व्यवस्था इन दिनों एक गहरे और अभूतपूर्व संकट से जूझ रही है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई ने शनिवार को हैदराबाद स्थित एनएएलएसएआर लॉ यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में इस मुद्दे पर खुलकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि मुकदमों में होने वाली असामान्य देरी न केवल आरोपी के मानवाधिकारों का हनन करती है, बल्कि पूरी न्यायिक व्यवस्था की साख पर भी सवाल खड़े करती है।



वर्षों जेल में बिताने के बाद निर्दोष साबित होना दुर्भाग्यपूर्ण

मुख्य न्यायाधीश गवई ने कहा कि हमारी न्याय प्रणाली में देरी एक 'संरचनात्मक संकट' बन चुकी है। ऐसे कई उदाहरण मौजूद हैं, जहां विचाराधीन कैदी ने वर्षों जेल में बिताए और अंततः अदालत ने उसे निर्दोष करार दिया। यह स्थिति न केवल संविधान की आत्मा के खिलाफ है, बल्कि न्याय की मूल भावना पर भी कुठाराघात करती है।

लाखों लंबित मामलों ने न्यायिक प्रक्रिया को बनाया बोझिल

गवई ने यह भी रेखांकित किया कि देश की निचली अदालतों में लाखों मुकदमे वर्षों से लंबित हैं। इससे न केवल आम जनता का भरोसा कमजोर होता है, बल्कि पूरे सिस्टम की कार्यक्षमता भी सवालों के घेरे में आ जाती है।

विदेशी न्यायिक चिंताओं का उदाहरण

उन्होंने अमेरिका के वरिष्ठ न्यायाधीश जेड एस. रैकोफ की चर्चित पुस्तक "Why the Innocent Plead Guilty and the Guilty Go Free" का हवाला देते हुए कहा कि दुनियाभर में न्यायिक व्यवस्थाएं बदलाव के मोड़ पर खड़ी हैं। गवई ने जोर देकर कहा कि भारत को भी अब न्यायिक सुधारों की दिशा में ठोस और पारदर्शी कदम उठाने की जरूरत है।

छात्रों से की नैतिकता व ईमानदारी की अपील

अपने प्रेरक संबोधन में सीजेआई ने लॉ ग्रेजुएट्स से आग्रह किया कि वे अपने करियर की शुरुआत सत्य, नैतिकता और न्याय के मूल मूल्यों के साथ करें। उन्होंने कहा, “ऐसे मेंटर्स को चुनें जो आपको केवल ऊँचाई पर नहीं ले जाएं, बल्कि सही मार्ग भी दिखाएं।”

छात्रवृत्ति के जरिए उच्च शिक्षा की सलाह

मुख्य न्यायाधीश ने छात्रों से विदेशों में छात्रवृत्तियों के माध्यम से उच्च शिक्षा प्राप्त करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “आपकी शिक्षा केवल आपका भविष्य नहीं, बल्कि भारत के भविष्य की भी दिशा तय करेगी। जरूरी है कि यह वित्तीय विवेक और सामाजिक उत्तरदायित्व से जुड़ी हो।”

दीक्षांत समारोह में दिग्गजों की मौजूदगी

इस गरिमामयी समारोह में तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा, और तेलंगाना हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सुजॉय पॉल विशेष रूप से उपस्थित रहे।


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