लांजी नगर में जलनिकासी का संकट गहराया: बारिश में घरों तक घुसा पानी, जिम्मेदारों की सुस्ती उजागर

हर साल की वही कहानी, नहीं मिल रहा स्थायी समाधान

लांजी, बालाघाट। जैसे ही जिले में मानसून सक्रिय हुआ, लांजी नगर में जलजमाव की पुरानी समस्या फिर से सिर उठाने लगी है। नगर परिषद की लापरवाह व्यवस्था और योजनाओं के अभाव में बारिश का पानी लोगों के घरों और खेतों में घुस रहा है, जिससे आमजन त्रस्त है। सबसे अधिक प्रभावित बालाघाट रोड वार्ड क्रमांक 20 और ग्राम पंचायत बिसोनी के क्षेत्रवासी हैं, जहां नगर का सारा गंदा पानी बहकर लोगों के घरों और खेतों में तबाही मचा रहा है।


हर साल की तरह इस बार भी "प्यास लगने पर कुआं खोदने" की नीति

नगर परिषद द्वारा जल निकासी की योजना तो बनाई गई, लेकिन वास्तविक समाधान के बजाय अस्थायी पैचवर्क पर ही भरोसा किया गया। बरसात शुरू होने के बाद हड़बड़ी में जेसीबी और कुछ कर्मचारियों को मौके पर भेज दिया गया, पर समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। प्रशासन द्वारा जहां नाली का मुंह छोड़ा गया है, वह क्षेत्र किसी निजी किसान की जमीन है, जो अब तालाब में तब्दील हो चुकी है।


नगर परिषद की कार्यशैली पर उठे सवाल

स्थानीय रहवासियों के अनुसार लांजी नगर परिषद को बने 15 वर्ष से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन जल निकासी की कोई ठोस व्यवस्था आज तक नहीं बन पाई। लाखों-करोड़ों रुपए के ठेके तो दिए गए, मगर काम धरातल पर नहीं उतरा। खासकर बिसोनी ग्राम पंचायत के लोगों के लिए यह समस्या साल-दर-साल गंभीर रूप ले रही है।


स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने उठाई आवाज

वार्ड क्रमांक 5 के पार्षद पति लीलाधर डोलस ने मौके पर पहुंचकर नाराजगी जताई और कहा—

नगर परिषद को कई बार आवेदन दिए गए कि पक्की नाली निर्माण कर पानी निकासी की समुचित व्यवस्था की जाए, परन्तु इंजीनियर और जिम्मेदार अधिकारी पूरी तरह उदासीन हैं। केवल कागजों पर काम दिखाकर कमीशन के बिल पास किए जा रहे हैं।

उन्होंने यह भी मांग की कि यहां अनुभवी और जिम्मेदार इंजीनियर को तैनात किया जाए, जो समस्या की गहराई को समझकर स्थायी समाधान कर सके।


नगर परिषद का पक्ष: काम शुरू नहीं हो पाने का कारण बारिश

सीएमओ मयूर वाहने ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा—

बालाघाट रोड की जल निकासी की समस्या को लेकर टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और वर्क ऑर्डर भी जारी किया जा चुका है। लगातार बारिश के कारण कार्य शुरू नहीं हो पाया है, जैसे ही मौसम अनुकूल होगा, कार्य में तेजी लाई जाएगी।

🔎 जनता परेशान, लेकिन समाधान अधूरा

  • लांजी जैसे नगर में हर साल जलजमाव की समस्या सामने आती है।

  • प्रशासन की कार्यप्रणाली केवल बरसात के समय ही सक्रिय होती है।

  • स्थायी समाधान के अभाव में जनता को हर वर्ष भारी नुकसान उठाना पड़ता है।

  • किसानों की फसलें और घर जलमग्न हो रहे हैं, लेकिन कोई मुआवजा या राहत नहीं।

 

📝 जलनिकासी की व्यवस्था बने प्राथमिकता

लांजी नगर परिषद को चाहिए कि जलनिकासी की समस्या को केवल “बारिश में काम करने” का बहाना बनाकर न टाले। बारिश खत्म होने के बाद तुरंत स्थायी नाली निर्माण, जल बहाव की उचित दिशा और निजी जमीन की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी होगी। साथ ही जनप्रतिनिधियों की सलाह लेकर निगरानी समिति बनाकर कार्यों की निगरानी की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी परेशानी न हो।


📣 आपका सुझाव और शिकायत महत्वपूर्ण है। यदि आपके क्षेत्र में भी जलनिकासी की समस्या है, तो संबंधित अधिकारी या जिला प्रशासन को सूचना दें।

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