🌊🌱 जल और प्रकृति बचाने का संकल्प
इस वर्ष की कांवड़ यात्रा केवल धार्मिक नहीं, बल्कि पर्यावरणीय जागरुकता का भी प्रतीक बनी। हर कांवड़ में जहां एक ओर मां नर्मदा का अमृत तुल्य जल था, वहीं दूसरी ओर धरा के श्रृंगार – पौधरोपण का संदेश था। संस्था ‘अपराजिता’ के पदाधिकारियों ने इस पहल को "भोलेनाथ की कृपा और शिवत्व का वास्तविक रूप" बताते हुए कहा कि:
"प्रकृति और जल को बचाने की ललक रखने वाला हर कांवड़िया स्वयं में भोला है।"
🙏 ध्वनि, सजावट और सेवा से हुआ स्वागत
ग्वारीघाट रोड स्थित साईं मंदिर परिसर में भक्ति संगीत, ध्वनि यंत्रों और सजावट के साथ यात्रा का स्वागत किया गया। संस्था अपराजिता और साईं मंदिर परिवार के सहयोग से कांवड़ियों को ठंडा जल एवं स्वल्पाहार (नाश्ता) वितरित किया गया।
👏 सेवा में जुटे रहे ये समाजसेवी
इस अवसर पर समाजसेवी और संस्था अपराजिता के सक्रिय सदस्यगण उपस्थित रहे:
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राम रतन यादव
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महेश पसीने
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एडवोकेट सुधीर शर्मा
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पंडित विवेक अवस्थी
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सरमन रजक, मुन्ना कुशवाहा, उमेश पटेल, रंजीत ठाकुर, नीरज दुबे
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नरेश चक्रवर्ती, दीपक ठाकुर, राजेश पराग, दिलीप रैकवार, डॉ. बाल मुकुंद यादव
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विजय चोहटेल, गोपी प्रजापति, राजेश कोल, मुन्ना ठाकुर, राजेश मंझार आदि।
इन सभी ने कांवड़ियों को सेवा, स्वागत और जल वितरण में सक्रिय सहयोग देकर समाज सेवा का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया।
🕉️ संस्कार कांवड़ यात्रा बनी शिवभक्ति और चेतना की मिसाल
इस संपूर्ण आयोजन में जिस तरह श्रद्धालु कांवड़ लेकर नर्मदा जल और पौधों के साथ जय भोलेनाथ के जयघोष करते आगे बढ़े, वह दृश्य संस्कारधानी जबलपुर को धर्म, प्रकृति और संस्कृति का संगम स्थल बना गया।
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✍️ संपादक: दयाल चंद यादव (MCJ)
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