मध्यस्थता से न्याय की ओर बढ़ता समाज
शिविर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री सतीष शर्मा ने मध्यस्थता योजना की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मध्यस्थता विवादों को शांतिपूर्वक, निष्पक्ष और त्वरित रूप से सुलझाने की एक प्रभावी प्रक्रिया है, जो पक्षकारों के बीच आपसी सहमति से समाधान उपलब्ध कराती है। यह प्रक्रिया पूरी तरह गोपनीय रहती है और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने में भी सहायक होती है।
साथ ही श्री शर्मा ने निःशुल्क विधिक सहायता, भारतीय संविधान में वर्णित मूल अधिकार और कर्त्तव्य, पॉक्सो अधिनियम, तथा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर छात्रों को जागरूक किया।
न्यायिक प्रक्रिया और बच्चों की सुरक्षा पर विशेष जानकारी
कार्यक्रम में न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती शीनी जैन ने बच्चों को "गुड टच और बैड टच" की समझ दी तथा किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत बच्चों के अधिकारों एवं न्यायिक प्रक्रियाओं से भी अवगत कराया।
शिक्षा और नशा मुक्ति की दिशा में जागरूकता
जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री जितेन्द्र मोहन धुर्वे ने शिक्षा को जीवन का सबसे सशक्त साधन बताते हुए कहा कि यह व्यक्ति को अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति सजग बनाती है। उन्होंने नशे के दुष्परिणामों पर भी प्रकाश डालते हुए छात्रों को इससे दूर रहने की सलाह दी।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पहल
कार्यक्रम के समापन पर छात्रावास परिसर में फलदार और छायादार पौधों का रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया। इस अवसर पर छात्रावास के स्टाफ और सभी छात्र उपस्थित रहे।
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