उप-राष्ट्रपति चुनाव की उलटी गिनती शुरू, निर्वाचन आयोग सक्रिय

धनखड़ के इस्तीफे से खाली हुई कुर्सी, अब संवैधानिक पहियों को गति देने की बारी
नई दिल्ली, 23 जुलाई 2025।
देश की सर्वोच्च संवैधानिक संस्थाओं में से एक, उप-राष्ट्रपति की गद्दी अब औपचारिक रूप से रिक्त हो चुकी है। जगदीप धनखड़ द्वारा अपने पद से आकस्मिक त्यागपत्र देने के पश्चात, निर्वाचन आयोग ने नये उत्तराधिकारी के चयन हेतु चुनावी तंत्र को सक्रिय करने की दिशा में प्रारंभिक कवायदें तेज़ कर दी हैं।


गृह मंत्रालय द्वारा धनखड़ के इस्तीफे की अधिसूचना विधिवत रूप से जारी कर दी गई है, जिससे आगामी उप-राष्ट्रपति चुनाव की संवैधानिक प्रक्रिया को औपचारिक आधार प्राप्त हो गया है। सूत्रों की माने तो चुनाव आयोग अब संभावित तारीखों और समय-सीमा को अंतिम रूप देने की कगार पर है।

भारतीय संविधान के अनुच्छेदों के आलोक में, यदि उप-राष्ट्रपति का पद किसी भी कारण से रिक्त होता है — चाहे वह मृत्यु, त्यागपत्र या पदच्युत किए जाने के रूप में हो — तो चुनाव आयोग को "यथासंभव शीघ्र" उत्तराधिकारी का चयन कराना अनिवार्य होता है। इस प्रक्रिया में अधिसूचना जारी होने की तिथि से लेकर मतदान तक अधिकतम 30 दिनों की संवैधानिक मर्यादा तय की गई है।

चुनाव प्रक्रिया की परिपाटी
उप-राष्ट्रपति पद के लिए मतदाता मंडल में लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों के निर्वाचित एवं मनोनीत सदस्य सम्मिलित होते हैं। यह मतदान गुप्त मतदान प्रणाली और एकल संक्रमणीय मत के आधार पर संचालित होता है, जिससे प्रत्याशी का चयन निष्पक्ष और बहुमत आधारित हो सके।

योग्यता की कसौटी पर कौन चढ़ेगा?
संविधान की धारा के अनुसार, उप-राष्ट्रपति बनने के लिए व्यक्ति का भारत का नागरिक होना आवश्यक है। उसकी न्यूनतम आयु 35 वर्ष होनी चाहिए और वह राज्यसभा की सदस्यता हेतु अर्हताप्राप्त हो। साथ ही, वह भारत सरकार, किसी राज्य सरकार या किसी अधीनस्थ सार्वजनिक संस्था के अधीन किसी लाभ के पद पर कार्यरत न हो।

धनखड़ की विदाई — एक संवेदनशील क्षण
उल्लेखनीय है कि निवर्तमान उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को अपने स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला देते हुए तत्काल प्रभाव से इस्तीफा सौंप दिया। उनके इस निर्णय ने राजनीतिक गलियारों में कई प्रकार की अटकलों को जन्म दे दिया है, लेकिन संवैधानिक दायित्वों के निर्वहन की दृष्टि से अब फोकस नए निर्वाचन पर केंद्रित हो गया है।

अब देखना यह होगा कि अगला उप-राष्ट्रपति कौन होगा — यह उत्तरदाता कौन होगा जो इस प्रतिष्ठित संवैधानिक कुर्सी को पुनः गरिमा प्रदान करेगा। निर्वाचन आयोग की घोषणा के साथ ही राजनीतिक परिदृश्य में हलचल तेज़ होने की संभावना प्रबल हो गई है।

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