बैठक में अपर महाप्रबंधक प्रमोद कुमार खत्री, प्रमुख मुख्य संरक्षा अधिकारी प्रवीन खोराना, प्रमुख मुख्य यांत्रिकी इंजीनियर एम. विजय कुमार, प्रमुख मुख्य परिचालन प्रबंधक कुशाल सिंह, प्रमुख मुख्य दूरसंचार एवं संकेत इंजीनियर एकनाथ मोहकर, प्रमुख मुख्य इंजीनियर आशुतोष, प्रधान वित्त सलाहकार मनजीत कौर, प्रमुख मुख्य कार्मिक अधिकारी एस. डी. पाटीदार, प्रमुख मुख्य इलेक्ट्रिकल इंजीनियर मुकेश, प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक मनोज कुमार गुप्ता, प्रमुख मुख्य सुरक्षा आयुक्त राजीव कुमार यादव, और मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) एम. एस. हाशमी सहित मुख्यालय के सभी प्रमुख विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े मंडल रेल प्रबंधक
जबलपुर, भोपाल एवं कोटा मंडलों के मंडल रेल प्रबंधक भी बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। बैठक में रेल संरक्षा, समयपालनता, यात्री सुविधाएं, अधोसंरचना विकास, और मानसून के दौरान सेफ्टी पैट्रोलिंग जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई।
यात्रियों की सुविधा और शिकायत निवारण पर विशेष जोर
महाप्रबंधक श्रीमती बंदोपाध्याय ने यात्रियों की सुविधाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कहा कि “रेल मदद” पर आने वाली शिकायतों का निस्तारण समय-सीमा में किया जाना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि मानसून के दौरान रेल पटरियों की गश्त (पैट्रोलिंग) को बढ़ाया जाए ताकि किसी भी संभावित दुर्घटना को रोका जा सके।
संरक्षा नियमों के अनुपालन का निर्देश
महाप्रबंधक ने रेलवे बोर्ड द्वारा जारी संरक्षा निर्देशों के पालन को सुनिश्चित करने की बात दोहराई और सभी विभागों को संरक्षा से जुड़े सुधारों को योजनाबद्ध तरीके से लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ट्रेन संचालन की समयपालनता (पंक्चुअलिटी) की सतत निगरानी अत्यंत आवश्यक है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा
बैठक के दौरान पश्चिम मध्य रेलवे में चल रही विकास परियोजनाओं की समीक्षा भी की गई। महाप्रबंधक ने जबलपुर, भोपाल और कोटा मंडलों के अधिकारियों को निर्धारित समय-सीमा में कार्यों को पूर्ण करने और गति बढ़ाने के स्पष्ट निर्देश दिए।
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