जलभराव प्रभावित क्षेत्रों की तत्काल निगरानी और जनजागरूकता अभियान पर जोर
बालाघाट। जिले में लगातार हो रही भारी बारिश और बाढ़ की संभावित स्थितियों को देखते हुए कलेक्टर श्री मृणाल मीणा ने 8 जुलाई को आपदा प्रबंधन को लेकर महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। बैठक में बाढ़ से उत्पन्न हालात की समीक्षा करते हुए प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित कार्यवाही और राहत उपायों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए।
इस समीक्षा बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक सराफ, अपर कलेक्टर श्री जीएस धुर्वे, एसडीएम श्री गोपाल सोनी सहित वारासिवनी, बैहर, लांजी, किरनापुर, परसवाड़ा और कटंगी क्षेत्र के एसडीएम, तहसीलदार, जनपद सीईओ और नगरीय निकायों के सीएमओ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।
जलभराव वाले क्षेत्रों पर कड़ी निगरानी के निर्देश
कलेक्टर श्री मीणा ने अधिकारियों से जिले के जलमग्न एवं जलभराव वाले क्षेत्रों की अद्यतन जानकारी ली और बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तत्परता से कार्य करने को कहा। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि जलभराव या बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में आम नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सड़क, पुल-पुलिया पार करने के दौरान सावधानी बरतने के लिए लोगों को समझाइश दी जाए और नदियों, तालाबों में नहाने पर पूर्णतः रोक लगाई जाए। इसके लिए स्थानीय प्रशासन जनजागरूकता अभियान चलाए, जिससे हादसों को रोका जा सके।
राहत राशि हेतु सर्वे और मुआवजा प्रकरण शीघ्र तैयार करने के निर्देश
कलेक्टर ने सभी एसडीएम और तहसीलदारों को निर्देशित किया कि जिन स्थानों पर अतिवृष्टि के कारण मकानों को नुकसान पहुंचा है या जनधन हानि हुई है, वहां पटवारियों के माध्यम से तत्काल सर्वे कराकर राहत राशि हेतु प्रकरण तैयार किए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों को शीघ्र मुआवजा दिलाने की कार्यवाही प्राथमिकता के आधार पर की जाए।
आपदा के प्रति संवेदनशीलता और सतर्कता जरूरी
बैठक में अधिकारियों को आपदा की हर स्थिति के लिए सतर्क रहने और संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए। साथ ही सभी नगरीय निकायों को अपने-अपने क्षेत्रों में जल निकासी की नियमित निगरानी करने और आवश्यकतानुसार पंप सेट, नाव, रस्सी एवं अन्य राहत सामग्री तैयार रखने को कहा गया।
कलेक्टर श्री मृणाल मीणा ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी। आपदा प्रबंधन में हर अधिकारी की जिम्मेदारी तय की गई है और समय पर कार्यवाही अनिवार्य है।
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