सरकारी स्कूल में 'टल्ली मास्साब' की शराबखोरी से बच्चों का भविष्य संकट में, ग्रामीणों में आक्रोश

लांजी, बालाघाट, 30 जुलाई 2025।
बालाघाट जिले के लांजी विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत अमेड़ा प के आवासटोला में संचालित शासकीय प्राथमिक शाला में पदस्थ शिक्षक की गैरजिम्मेदाराना और निंदनीय हरकतों ने पूरे क्षेत्र में चिंता और आक्रोश का माहौल खड़ा कर दिया है। विद्यालय में कार्यरत शिक्षक सतीश चौधरी पर आरोप है कि वे नियमित रूप से शराब के नशे में स्कूल पहुंचते हैं और कक्षा संचालन के दौरान ही कुर्सी पर सो जाते हैं।


बच्चों ने खुद बताई मास्साब की असलियत

विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों ने बताया कि “मास्साब तो रोज टुन्न होकर आते हैं और हमारे सामने ही कुर्सी पर बैठकर सो जाते हैं। पढ़ाई होती ही नहीं है।” बच्चों की बातों ने अभिभावकों और ग्रामीणों को झकझोर दिया है। यह मामला शिक्षा व्यवस्था की जमीनी सच्चाई को उजागर करता है।

29 जुलाई को कक्षा में खर्राटे मारते मिले शिक्षक

स्थानीय सूत्रों के अनुसार 29 जुलाई को जब कक्षा का संचालन शुरू हुआ तो शिक्षक सतीश चौधरी शराब के नशे में इस कदर चूर थे कि उन्होंने पढ़ाने की बजाय कुर्सी पर ही खर्राटे लेने शुरू कर दिए। इस दृश्य का फोटो ग्रामीणों ने अपने मोबाइल में कैद कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इसके बाद मौके पर पहुंचे ग्रामीणों और शिक्षकों के बीच बहस और नाराजगी का माहौल बन गया।

30 जुलाई को बिना सूचना के रहे अनुपस्थित

स्थिति इतनी बिगड़ गई कि 30 जुलाई को सतीश चौधरी बिना किसी पूर्व सूचना के स्कूल से गायब रहे। न उन्होंने कोई छुट्टी की जानकारी दी और न ही स्कूल प्रबंधन को संपर्क किया। इससे यह स्पष्ट है कि शिक्षक की इस लापरवाही और गैरजिम्मेदार रवैये का सीधा प्रभाव बच्चों की शिक्षा और मानसिक विकास पर पड़ रहा है।

सहकर्मी शिक्षिका भी मानसिक तनाव में

विद्यालय में कार्यरत सह-शिक्षिका श्रीमती लेखा सिरामे ने बताया कि सतीश चौधरी की शराबखोरी के कारण वह मानसिक रूप से काफी परेशान हो चुकी हैं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को पूर्व में भी इसकी शिकायत दी है, लेकिन अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो सकी है।

बीआरसी लांजी ने दी प्रतिक्रिया

इस विषय में बीआरसी लांजी शिवेंद्र उके ने कहा,

शिक्षक सतीश चौधरी के संबंध में पूर्व में भी शिकायतें प्राप्त हुई थीं। जांच के बाद पंचनामा तैयार कर जिला मुख्यालय भेजा गया है। लेकिन चेतावनी के बावजूद उनके रवैये में सुधार नहीं हो रहा है। हम जल्द ही जिला शिक्षा अधिकारी से प्रत्यक्ष संपर्क कर कड़ी कार्रवाई की मांग करेंगे।

सरकारी स्कूलों में कार्यरत कुछ गैर-जिम्मेदार शिक्षकों के कारण ग्रामीण अंचलों में गरीब और पिछड़े वर्ग के बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। शिक्षा जैसे पवित्र क्षेत्र में नशे की प्रवृत्ति बेहद गंभीर चिंता का विषय है। ज़रूरत है कि प्रशासन इस मामले में त्वरित और कठोर कार्रवाई करे ताकि शिक्षा व्यवस्था में जनता का भरोसा बना रहे।


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