🚧 चिन्हों और चेतावनी संकेतों की घोर कमी
IRF-IC के अध्यक्ष अखिलेश श्रीवास्तव ने बताया कि देशभर में कई निर्माण स्थलों पर न तो मोड़ या लेन बंद होने की जानकारी देने वाले चेतावनी संकेत हैं, न ही बैरिकेड या पर्याप्त रोशनी। विशेषकर रात में, ये लापरवाही जानलेवा साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि गलत दिशा में गाड़ी चलाना, आमने-सामने की टक्कर और बिना संकेतों के मोड़ जैसी समस्याएं सड़क निर्माण स्थलों पर आम हो गई हैं।
इन दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है यदि बुनियादी सुरक्षा उपाय जैसे चेतावनी संकेत, मार्गदर्शक कर्मचारी, और गति नियंत्रक तैनात किए जाएं,
— अखिलेश श्रीवास्तव, अध्यक्ष, IRF-IC
🛑 बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे बना भयावह उदाहरण
IRF रिपोर्ट में बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे पर हाल ही में हुई एक गंभीर सड़क दुर्घटना का हवाला दिया गया, जिसमें एक बिना संकेतों वाले मोड़ पर दो वाहनों की आमने-सामने टक्कर हो गई, जिससे दोनों चालकों की मौके पर ही मौत हो गई। यह दुर्घटना उस लापरवाही का प्रतीक है जो निर्माण कार्य के दौरान अपनाई जा रही है।
📋 IRF ने सुझाए सुरक्षा के ठोस उपाय
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निर्माण कार्य शुरू होने से पहले
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निर्माण कार्य के दौरान
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परियोजना पूर्ण होने के बाद
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