लांजी, बालाघाट, 4 अगस्त 2025 – ग्राम फोफसा में संचालित मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक से जुड़े सात स्वसहायता समूहों (एसएचजी) की महिलाओं ने समूह की सचिव रंजू कृष्णा चौधरी पर 20 लाख रुपये से अधिक की राशि गबन करने का गंभीर आरोप लगाया है। यह मामला ग्राम पंचायत फोफसा के वार्ड नंबर 8 में सामने आया है, जहां रंजू चौधरी श्री साई स्वसहायता समूह की सचिव थीं।
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| शिकायत करतीं स्वसहायता समूह की महिलाएं। |
स्वसहायता समूहों का उद्देश्य और गबन का खुलासा
केंद्र सरकार द्वारा ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए स्वसहायता समूहों का गठन किया जाता है। इन समूहों को व्यवसाय शुरू करने और आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए ऋण राशि प्रदान की जाती है। लेकिन फोफसा में संचालित सात स्वसहायता समूहों—खुशबू समूह, ग्राम संगठन, श्री साई समूह, रोशनी समूह, लक्ष्मी समूह, अन्नपूर्णा समूह, और अन्य—के सदस्यों का आरोप है कि सचिव रंजू कृष्णा चौधरी ने बिना उनकी सहमति और जानकारी के बैंक से ऋण राशि निकाल ली और अब वह गांव से फरार हो गई हैं।
महिलाओं ने बताया कि रंजू चौधरी की शिक्षा और स्थानीय परिचय के कारण उन्हें समूहों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई थी। समूह की सदस्य महिलाएं नियमित रूप से अपनी बचत रंजू को सौंपती थीं, लेकिन हाल ही में जब उन्हें पता चला कि बैंक में उनकी जमा राशि और ऋण की किश्तें जमा नहीं हुई हैं, तो उन्होंने रंजू से संपर्क करने की कोशिश की। तब तक रंजू गांव छोड़कर जा चुकी थीं।
बैंक का पक्ष
मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक, फोफसा के प्रबंधक ने बताया कि समूहों की ऋण राशि की किश्तें लंबे समय से जमा नहीं हुई हैं। उन्होंने कहा, “ऋण राशि केवल समूह की अध्यक्ष और सचिव की सहमति और हस्ताक्षर के प्रमाणीकरण के बाद ही प्रदान की जाती है। इस मामले में जमा न होने वाली राशि की जिम्मेदारी समूह की अध्यक्ष, सचिव और सदस्यों की है।” प्रबंधक ने यह भी बताया कि उनकी हाल ही में इस शाखा में नियुक्ति हुई है, इसलिए उन्हें मामले की पूरी जानकारी नहीं है। साथ ही, बैंक के कैशियर का स्थानांतरण लांजी मुख्य शाखा में हो चुका है।
समूह की महिलाओं का हंगामा
जब समूह की महिलाओं को राशि गबन की जानकारी मिली, तो वे मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक पहुंचीं और वहां जमकर हंगामा किया। महिलाओं ने बताया कि रंजू चौधरी ने उनकी मेहनत की कमाई और विश्वास का दुरुपयोग किया है। उन्होंने कहा, “हमने अपनी छोटी-छोटी बचत को समूह के जरिए सुरक्षित करने और व्यवसाय शुरू करने का सपना देखा था, लेकिन रंजू ने सब कुछ बर्बाद कर दिया।”
प्रशासन का रुख
लांजी जनपद पंचायत के विकासखंड प्रबंधक राजाराम परते ने बताया कि उन्हें 3 अगस्त 2025 को सहायक विकासखंड अधिकारी सुनीता चन्ने से इस मामले की जानकारी मिली। उन्होंने कहा, “हम जल्द ही सभी समूहों की बैठक आयोजित करेंगे और मामले की गहन जांच करेंगे। यदि रंजू चौधरी के खिलाफ गबन के सबूत मिले, तो उनके खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज की जाएगी।”
आगे की कार्रवाई
इस मामले ने स्थानीय प्रशासन और बैंकिंग प्रणाली में स्वसहायता समूहों के संचालन और पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। समूह की महिलाएं मांग कर रही हैं कि रंजू चौधरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और उनकी गाढ़ी कमाई वापस दिलाई जाए। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जांच के बाद उचित कानूनी कदम उठाए जाएंगे।

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