बालाघाट, 13 अगस्त 2025। मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले के रामपायली थाना क्षेत्र में वैनगंगा नदी में डूबे तीन रिश्तेदारों—मोहित बुर्डे, अखिल बुर्डे, और राकेश नंदनवार—के शव 22 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बुधवार को बरामद किए गए। एसडीईआरएफ की टीम ने घटनास्थल से 3 से 5 किलोमीटर के दायरे में शवों को रेस्क्यू किया। शवों की बरामदगी के बाद परिजनों में शोक की लहर दौड़ गई, और गांव में मातम का माहौल छा गया।
घटना का विवरण
मंगलवार को बेनी गांव निवासी चमनलाल बुर्डे अपने बेटे अखिल, साली के बेटे मोहित (हट्टा निवासी) और दामाद राकेश नंदनवार (महाराष्ट्र, भंडारा के गणेशपुर निवासी) के साथ रक्षाबंधन और भुजलियां पर्व मनाने के लिए एकत्र हुए थे। दोपहर में ये सभी राममंदिर घाट पर नहाने गए थे। नहाने के दौरान अखिल, मोहित, और राकेश गहरे पानी में चले गए। चमनलाल ने उन्हें बचाने का प्रयास किया, लेकिन वह सफल नहीं हो सका।
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस, क्षेत्रीय विधायक, एसडीओपी अभिषेक चौधरी, और ग्रामीण मौके पर पहुंचे। रात होने के कारण मंगलवार को रेस्क्यू संभव नहीं हो सका। बुधवार सुबह 6 बजे से एसडीईआरएफ ने तलाशी अभियान शुरू किया। नदी के तेज बहाव के कारण शवों के 10 किलोमीटर तक बह जाने की आशंका थी।
रेस्क्यू अभियान और शवों की बरामदगी
एसडीईआरएफ की टीम ने कड़ी मेहनत के बाद सबसे पहले डोंगरली घाट के पास मोहित बुर्डे का शव बरामद किया। इसके बाद अखिल बुर्डे और अंत में राकेश नंदनवार का शव नदी से निकाला गया। रामपायली पुलिस ने शवों का पोस्टमॉर्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया। शव देखते ही परिजन फूट-फूटकर रोने लगे, और गांव में शोक की लहर दौड़ गई।
मृतकों का परिचय
अखिल बुर्डे और मोहित बुर्डे छात्र थे।
- राकेश नंदनवार भंडारा, महाराष्ट्र में एक होटल संचालक थे।तीनों आपस में रिश्तेदार थे और चमनलाल बुर्डे के घर रक्षाबंधन और भुजलियां पर्व मनाने आए थे।
समुदाय में शोक
इस दुखद घटना ने बेनी और आसपास के गांवों में मातम का माहौल पैदा कर दिया। ग्रामीणों और परिजनों ने इस हादसे को एक बड़ी क्षति बताया। रामपायली पुलिस और प्रशासन ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है।

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