हत्या का कारण: ट्रैक्टर की किस्त
पुलिस जांच में पता चला कि मुख्य आरोपी सुनील धुर्वे और उसके भाई राजकुमार धुर्वे ने स्वराज ट्रैक्टर खरीदा था, लेकिन किस्त चुकाने में असमर्थ थे। उन्होंने अपनी दादी गौथरिन बाई से पैसे मांगे, लेकिन दादी के मना करने पर दोनों भाइयों ने अपने एक साथी के साथ मिलकर उनकी हत्या कर दी।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
बालाघाट पुलिस अधीक्षक श्री आदित्य मिश्रा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना गढ़ी पुलिस को अज्ञात हत्यारों का शीघ्र पता लगाने और उनकी गिरफ्तारी के निर्देश दिए थे। थाना प्रभारी निरीक्षक भूपेंद्र सिंह और उनकी टीम ने तकनीकी और भौतिक साक्ष्यों के आधार पर मामले को सुलझाया। 24 घंटे के भीतर तीनों आरोपियों—सुनील धुर्वे, राजकुमार धुर्वे, और उनके साथी—को गिरफ्तार कर लिया गया।
बरामद साक्ष्य
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी, खून से सने कपड़े, और अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य बरामद किए। ये साक्ष्य मामले को मजबूत करने में महत्वपूर्ण साबित होंगे।
पुलिस अधीक्षक का बयान
पुलिस अधीक्षक आदित्य मिश्रा ने थाना गढ़ी पुलिस की त्वरित और कुशल कार्रवाई की सराहना की। उन्होंने कहा, "यह एक जघन्य अपराध था, जिसे हमारी टीम ने अत्यंत सावधानी और तत्परता से सुलझाया। हमारी प्राथमिकता है कि अपराधियों को सजा मिले और समाज में कानून का डर बना रहे।"
आगे की कार्रवाई
आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्यास संहिता (BNS) की धारा 103(1) के तहत हत्या का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और जल्द ही आरोपियों को न्यायालय में पेश किया जाएगा।
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