बेंगलुरु, 1 अगस्त 2025: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में सांसदों/विधायकों की विशेष अदालत ने शुक्रवार को पूर्व जेडी(एस) सांसद प्रज्वल रेवन्ना को अश्लील वीडियो और बलात्कार मामले में दोषी करार दिया। फैसले के बाद, पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना अदालत कक्ष में रो पड़े। यह मामला न केवल कर्नाटक बल्कि पूरे देश में चर्चा का विषय बन चुका है।
मामले का विवरण
30 जुलाई 2025 को, विशेष अदालत ने दोनों पक्षों से कई बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा था, जिसके बाद सुनवाई स्थगित कर दी गई थी। अदालत ने दो प्रमुख सवाल उठाए थे:
क्या गूगल मैप्स के डेटा को इस मामले में स्वीकार्य साक्ष्य माना जा सकता है?
प्रज्वल रेवन्ना के कथित सैमसंग J4 मोबाइल फोन की जब्ती की प्रक्रिया और उसकी वैधता।
2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान प्रज्वल पर कई महिलाओं के यौन उत्पीड़न और उनकी रिकॉर्डिंग करने के गंभीर आरोप लगे थे। होलेनरसीपुरा की एक पीड़िता ने उनके खिलाफ पहली शिकायत दर्ज की थी, जिसके बाद मामला तूल पकड़ गया। मतदान के तुरंत बाद प्रज्वल देश छोड़कर फरार हो गए थे। हालांकि, 31 मई 2024 को बेंगलुरु लौटने पर उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
जांच और कानूनी प्रक्रिया
विशेष जांच दल (एसआईटी) ने प्रज्वल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामले दर्ज किए, जिनमें शामिल हैं:
धारा 376(2)(एन): एक ही महिला के साथ बार-बार बलात्कार।
धारा 506: आपराधिक धमकी।
धारा 354ए(1): अवांछित शारीरिक संपर्क और यौन मांग।
धारा 354बी: कपड़े उतारने के इरादे से आपराधिक बल का प्रयोग।
धारा 354सी: निजता का उल्लंघन।
पिछले 14 महीनों से प्रज्वल बेंगलुरु सेंट्रल जेल में बंद हैं। उनकी कई जमानत याचिकाओं को अदालतों ने खारिज कर दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा और केंद्रीय मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी की सार्वजनिक अपील के बाद उनकी वापसी संभव हुई थी।
सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव
यह मामला कर्नाटक की राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बन गया है, क्योंकि प्रज्वल रेवन्ना एक प्रमुख राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके दादा, एच.डी. देवेगौड़ा, देश के पूर्व प्रधानमंत्री रह चुके हैं, और उनके पिता, एच.डी. रेवन्ना, जेडी(एस) के प्रमुख नेता हैं। इस फैसले ने न केवल रेवन्ना परिवार की छवि को प्रभावित किया है, बल्कि जेडी(एस) की राजनीतिक स्थिति पर भी सवाल उठाए हैं।
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