दिल्लीवालों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत: पुराने वाहनों पर दंडात्मक कार्रवाई पर रोक

नई दिल्ली, 13 अगस्त 2025। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के वाहन मालिकों को बड़ी राहत प्रदान की है। मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में कोर्ट ने 10 साल से पुराने डीजल वाहनों और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों के मालिकों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी। यह आदेश दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया गया, जिसमें राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के पुराने वाहनों पर प्रतिबंध संबंधी निर्देशों को चुनौती दी गई थी।


सुप्रीम कोर्ट का फैसला

प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई, न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एन वी अंजारिया की पीठ ने स्पष्ट निर्देश दिए कि पुराने वाहनों की आयु के आधार पर उनके मालिकों के खिलाफ कोई जबरदस्ती कार्रवाई नहीं की जाएगी। कोर्ट ने कहा,

नोटिस जारी करें, जिसका चार सप्ताह में जवाब दिया जाए। इस बीच, हम निर्देश देते हैं कि वाहन मालिकों के खिलाफ इस आधार पर कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाए कि उनके डीजल वाहन 10 साल और पेट्रोल वाहन 15 साल पुराने हैं।

यह आदेश दिल्ली सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के अनुरोध के बाद आया, जिन्होंने कोर्ट से पुराने वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध को हटाने और दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी।

NGT के निर्देश और चुनौतियां

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने 26 नवंबर 2014 को अपने आदेश में कहा था कि 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को NCR में सड़कों पर चलने से प्रतिबंधित किया जाए। इस निर्देश को लागू करने के लिए परिवहन विभागों को वाहनों को जब्त करने सहित सख्त कदम उठाने के आदेश दिए गए थे। NGT का यह फैसला सर्दियों में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लिया गया था, जो दिल्ली-NCR में एक गंभीर समस्या है।

हालांकि, दिल्ली सरकार ने इस प्रतिबंध को अव्यवहारिक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान तर्क दिया कि आयु-आधारित प्रतिबंध से वाहन मालिकों को अनावश्यक परेशानी हो रही है। उन्होंने उदाहरण दिया कि एक व्यक्ति जो अपने वाहन का उपयोग केवल घर से कार्यालय आने-जाने के लिए करता है, वह 10 साल में शायद 2,000 किलोमीटर ही ड्राइव करता है। फिर भी, प्रतिबंध के कारण उसे अपनी गाड़ी बेचनी पड़ रही है।

उत्सर्जन-आधारित मानदंडों की मांग

दिल्ली सरकार ने अपनी याचिका में केंद्र सरकार और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) से अनुरोध किया कि वे आयु-आधारित प्रतिबंधों के बजाय उत्सर्जन-आधारित मानदंडों पर एक व्यापक अध्ययन करें। मेहता ने तर्क दिया कि यदि कोई वाहन टैक्सी के रूप में उपयोग होता है और दो साल में 1 लाख किलोमीटर चलता है, तो भी वह अगले 8 साल तक सड़कों पर चल सकता है, बशर्ते उसका उत्सर्जन स्तर नियंत्रण में हो।

दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण की स्थिति

दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण, विशेष रूप से सर्दियों के मौसम में, एक गंभीर समस्या बनी हुई है। NGT और अन्य पर्यावरण संस्थानों ने इसे नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें पुराने वाहनों पर प्रतिबंध भी शामिल है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट का यह ताजा आदेश वाहन मालिकों के लिए राहत लेकर आया है, जो अब बिना डर के अपने वाहनों का उपयोग कर सकेंगे, जब तक कि कोर्ट इस मामले में अंतिम फैसला नहीं सुनाता।
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