लालबर्रा में बाघ की संदिग्ध मौत का मामला: दो वन कर्मचारी निलंबित, छह जेल भेजे गए

बालाघाट, 6 अगस्त 2025। दक्षिण सामान्य वन मंडल बालाघाट के लालबर्रा परिक्षेत्र के बहियाटिकुर बीट के कक्ष क्रमांक 443 में बाघ के मृत पाए जाने और उसके शव को गुपचुप तरीके से नष्ट करने के मामले ने वन्यजीव प्रेमियों में रोष पैदा कर दिया है। इस प्रकरण में वन मंडलाधिकारी आधार गुप्ता ने वनपाल टीकाराम हनोते और वनरक्षक हिमांशु घोरमारे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही, छह सुरक्षा श्रमिकों—हरीलाल वल्द सितकुर, शिवकुमार वल्द सुरप सिंह, शैलेष वल्द ज्ञान सिंह, अनुज वल्द मिट्ठन, मान सिंह वल्द दीप सिंह सलामे, और देव सिंह कुमरे वल्द गणपत कुमरे—को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।


मामला कैसे आया सामने?

2 अगस्त 2025 को सोनेवानी वन्यजीव सुरक्षा समिति के व्हाट्सएप ग्रुप में मृत बाघ की तस्वीर वायरल होने के बाद वन विभाग ने इसकी जाँच शुरू की। प्रारंभिक जाँच में पुष्टि हुई कि यह घटना लालबर्रा परिक्षेत्र के बहियाटिकुर बीट के कक्ष क्रमांक 443 (जीपीएस: N 21° 54' 27.4212" E 79° 59' 59.6148") में हुई। पूछताछ में सामने आया कि 27 जुलाई 2025 को सुरक्षा श्रमिक हरिलाल को मान सिंह ने सूचना दी कि पोटूटोला नहर के पास नाले में बाघ मृत पड़ा है। इसके बाद वनरक्षक हिमांशु घोरमारे ने हरिलाल और अन्य सुरक्षा श्रमिकों को शव हटाने का निर्देश दिया।

शव को जलाकर नष्ट करने का प्रयास

28 से 30 जुलाई 2025 के बीच, सुरक्षा श्रमिकों ने बाघ के शव को कक्ष क्रमांक 443 से 440, फिर 444 तक ले जाकर सूखी लकड़ियाँ एकत्र कीं और शव को जलाकर नष्ट कर दिया। शव की राख को आसपास फैला दिया गया। इस कार्य में लापरवाही और उदासीनता बरतने के कारण वनपाल टीकाराम हनोते और वनरक्षक हिमांशु घोरमारे को निलंबित किया गया, जबकि दोनों के फरार होने की खबर है।

वन्यजीव प्रेमियों में आक्रोश, आदिवासी समाज का विरोध

सोनेवानी वन्यजीव सुरक्षा समिति के अध्यक्ष सिकंदर मिश्रा

सोनेवानी वन्यजीव सुरक्षा समिति के अध्यक्ष सिकंदर मिश्रा ने इस मामले में भोपाल स्तर की एसआईटी से निष्पक्ष जाँच की मांग की है। उनका कहना है कि वन विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने सवाल उठाया कि यदि तस्वीर वायरल न होती, तो क्या यह घटना दबा दी जाती? उन्होंने बाघ की मौत के कारण, शव को जलाने की मंशा, और संभावित छेड़छाड़ पर सवाल उठाए। मिश्रा ने डीएफओ आधार गुप्ता के स्थानांतरण और अनुभवी अधिकारी की नियुक्ति की मांग भी की।

आदिवासी समाज ने छह सुरक्षा श्रमिकों की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए कहा कि उन्होंने अपने अधिकारियों के निर्देशों का पालन किया। समाज ने चेतावनी दी कि यदि श्रमिकों को फंसाया गया, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।

वन विभाग की कार्रवाई और जाँच

एसडीओ बीआर सिरसाम

एसडीओ बीआर सिरसाम ने बताया कि विभाग ने दो दिनों में मामले में प्रारंभिक सफलता हासिल की है। छह सुरक्षा श्रमिकों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उन्हें न्यायालय में पेश किया गया, जबकि दो वन कर्मचारियों को निलंबित किया गया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि बाघ की मौत के कारण और जिम्मेदारों का जल्द पता लगाया जाएगा। जाँच में बारिश के कारण डॉग स्क्वॉड प्रभावी नहीं रहा, लेकिन विभाग सक्रिय रूप से साक्ष्य जुटा रहा है।

अनसुलझे सवाल

  • बाघ की मौत का कारण क्या था? क्या करंट से मृत्यु हुई?

  • शव को जलाने से पहले उसके अंगों के साथ छेड़छाड़ तो नहीं की गई?

  • क्या वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की इस मामले में भूमिका थी?

  • क्या ऐसी घटनाएँ पहले भी हुई हैं, जो सामने नहीं आईं?

वन्यजीव प्रेमी और सोनेवानी समिति इस मामले की गहन जाँच की मांग कर रहे हैं, ताकि सोनेवानी वन क्षेत्र, जो बाघों के प्रजनन के लिए महत्वपूर्ण है, की सुरक्षा सुनिश्चित हो।

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✍️ संपादक: दयाल चंद यादव (MCJ)
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