विपक्षी नेताओं का दिल्ली में मार्च: मतदाता सूची में ‘वोट चोरी’ के खिलाफ प्रदर्शन, हिरासत के बाद रिहा

नई दिल्ली, 12 अगस्त 2025 – बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और कथित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ विपक्षी दलों ने सोमवार को संसद भवन से निर्वाचन आयोग तक मार्च निकाला। इस मार्च में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कई प्रमुख नेता शामिल थे। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने संसद मार्ग पर मार्च को रोक दिया और नेताओं को हिरासत में ले लिया, जिन्हें बाद में रिहा कर दिया गया।


मार्च और हिरासत: क्या हुआ?

विपक्षी सांसदों ने संसद के मकर द्वार से निर्वाचन आयोग कार्यालय तक मार्च शुरू किया, जिसमें ‘वोट चोरी बंद करो’ जैसे नारे लगाए गए। सांसदों ने सिर पर सफेद टोपियां पहनी थीं, जिन पर ‘SIR’ और ‘वोट चोरी’ लिखा था, साथ ही लाल क्रॉस का निशान था। मार्च को परिवहन भवन के पास पीटीआई बिल्डिंग के सामने रोके जाने पर सांसद सड़क पर बैठ गए और नारेबाजी की।

दिल्ली पुलिस ने बताया कि मार्च के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी। पुलिस ने 30 से अधिक सांसदों को हिरासत में लिया, जिनमें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, तृणमूल कांग्रेस की सागरिका घोष, और शिवसेना (UBT) के संजय राउत शामिल थे। हिरासत में लिए गए नेताओं को संसद मार्ग पुलिस थाने ले जाया गया और कुछ देर बाद रिहा कर दिया गया।

राहुल गांधी का बयान: ‘यह संविधान को बचाने की लड़ाई’

रिहाई के बाद राहुल गांधी ने कहा, “यह लड़ाई राजनीतिक नहीं, बल्कि संविधान को बचाने और ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के सिद्धांत को बनाए रखने की है। हम साफ-सुथरी और सही मतदाता सूची चाहते हैं।” उन्होंने बेंगलुरु के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए दावा किया कि वहां 1,00,250 मतों की चोरी हुई, जबकि यह सीट भाजपा ने मात्र 32,707 वोटों से जीती थी।

खड़गे और अखिलेश की प्रतिक्रिया

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ‘एक्स’ पर लिखा, “भाजपा की तानाशाही नहीं चलेगी। यह जनता के वोट के अधिकार और लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है। ‘इंडिया’ गठबंधन संविधान को नष्ट करने की साजिश को बेनकाब करेगा।”


समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बैरिकेड फांदकर प्रदर्शन जारी रखा और कहा, “हम वोट बचाने के लिए बैरिकेड फांद रहे हैं। 18 हजार वोटों को मतदाता सूची से हटाया गया, जिसकी सूची मैंने खुद दी। निर्वाचन आयोग को कार्रवाई करनी चाहिए।”

भाजपा का पलटवार: ‘विपक्ष अराजकता फैलाना चाहता है’

भाजपा ने विपक्ष के प्रदर्शन को ‘अराजकता और अस्थिरता’ फैलाने की साजिश करार दिया। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “कांग्रेस और विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है। वे निर्वाचन आयोग पर निराधार आरोप लगाकर देश में अराजकता पैदा करना चाहते हैं।” उन्होंने राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के दावों को ‘झूठ’ बताया और कहा कि विपक्ष ‘घुसपैठियों’ को मतदाता बनाना चाहता है।

निर्वाचन आयोग और सुरक्षा व्यवस्था

निर्वाचन आयोग ने केवल 30 सांसदों को अपने परिसर में प्रवेश की अनुमति दी थी, लेकिन प्रदर्शनकारियों की संख्या अधिक होने के कारण पुलिस ने मार्च को रोका। आयोग कार्यालय के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई, जिसमें अतिरिक्त पुलिसकर्मी, अवरोधक, और त्वरित प्रतिक्रिया दल तैनात किए गए।

विपक्ष का आरोप: ‘मतदाता सूची में हेरफेर’

विपक्ष का आरोप है कि SIR का उपयोग मतदाता सूची में हेरफेर के लिए किया जा रहा है। राहुल गांधी ने 7 अगस्त को बेंगलुरु के महादेवपुरा में मतदाता सूची में धांधली का दावा किया था। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने निर्वाचन आयोग की आलोचना करते हुए कहा, “आयोग मतदाता धोखाधड़ी को छिपाने के लिए बहानेबाजी कर रहा है। यह लोकतंत्र की जीवनरेखा का संरक्षक है, न कि सुस्त क्लर्क।”

अक्षर सत्ता की नजर में

यह प्रदर्शन लोकतंत्र और मतदाता अधिकारों की रक्षा के लिए विपक्ष की एकजुटता को दर्शाता है। अक्षर सत्ता सत्य और निष्पक्षता के साथ इस मुद्दे को आपके सामने लाता है। हमारा मिशन है कि हर नागरिक की आवाज सुनी जाए और संविधान के मूल्यों की रक्षा हो।

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